The News Air (चंडीगढ़)- कृषि क़ानूनों की वापसी होते ही पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सियासी दांव खेलने शुरू कर दिए हैं। शनिवार को वह दिल्ली जा रहे हैं। वहाँ उनकी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाक़ात होगी। इस दौरान वे भाजपा के साथ पंजाब में 117 सीटों के बँटवारे पर चर्चा करेंगे।
ख़ास बात यह है कि कैप्टन का दौरा उसी दिन है, जब दिल्ली में किसान आंदोलन को ख़त्म करने पर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) अंतिम फ़ैसला लेगा। कैप्टन की बढ़ी सियासी गतिविधि से किसान आंदोलन के ख़त्म होने के भी संकेत मिल रहे हैं।
नड्डा से पहली मुलाक़ात
कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री रहते दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलते रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से भी उनकी मुलाक़ात होती रही। हालांकि वह कभी भाजपा के संगठन नेताओं से नहीं मिले। इस वजह से भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनकी पहली मुलाक़ात होगी। हालांकि PM और गृह मंत्री से मुलाक़ात में भी उन पर कांग्रेस ने आरोप लगाए कि वह भाजपा से मिले हुए थे।
कैप्टन ने कहा- मैं CM चेहरा नहीं
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह BJP और अकाली दल से अलग हुए नेताओं से गठबंधन कर रहे हैं। वह इस गठबंधन का CM चेहरा नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि गठबंधन का पहला फोक्स जीत पर होगा। उसके बाद आगे की बातें होंगी।
कैप्टन ने यह भी कहा कि कई कांग्रेसी उनके साथ आने वाले हैं, लेकिन चुनाव आचार संहिता के बाद वह उनकी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस में शामिल होंगे। ताकि सरकार विकास कार्य न रोके और उनके ख़िलाफ़ राजनीतिक बदला खोरी की कार्रवाई न करे।
बाग़ी अकाली भी आएंगे साथ
कैप्टन अमरिंदर सिंह और भाजपा के साथ बाग़ी अकाली नेता भी आ सकते हैं। सुखदेव सिंह ढींढसा ने कहा कि पंजाब में सियासत लगातार बदल रही है। यह अच्छी बात है कि केंद्र ने किसानों की बात सुनी और कृषि क़ानून वापस ले लिए। वह प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र को किसानों की बाकि मांगे भी सुननी चाहिए।