नई दिल्ली, 6 जुलाई (The News Air)
देश में कोरोना की कमज़ोर पड़ती दूसरी लहर के बीच अब अगस्त माह के मध्य तक ख़तरनाक तीसरी लहर आने की पूरी संभावना बनी हुई है, जबकि पीक सितंबर माह में पहुंच सकता है। यह आशंका सोमवार को जारी एसबीआई की एक रिपोर्ट में बताई गई है। एसबीआई रिसर्च द्वारा प्रकाशित ‘कोविड -19: द रेस टू फिनिशिंग लाइन’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में बताया गया है कि वैक्सीनेशन ही एकमात्र बचावकर्ता है, क्योंकि वैश्विक डेटा से पता चलता है कि तीसरी लहर का पीक दूसरी लहर के पीक से दोगुना या 1.7 गुना ज़्यादा होने की संभावना होगी।
भारत में केवल 4.6 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया गया है, जबकि 20.8 प्रतिशत को अभी तक एक ख़ुराक मिली है, जो अमेरिका (47.1 प्रतिशत), यूके (48.7 प्रतिशत), इज़राइल (59.8 प्रतिशत) स्पेन (38.5 प्रतिशत), फ्रांस (31.2) में अन्य देशों की तुलना बहुत ही कम है।
रिपोर्ट के मुताबिक़, ‘भारत ने 7 मई को अपना दूसरा वेव पीक हासिल कर लिया है और मौजूदा आंकड़ों के अनुसार, देश जुलाई माह के दूसरे सप्ताह में रोज़ाना नए मामलों की संख्या 10 हजार तक आ जाएगी। यह अगस्त माह के दूसरे पखवाड़े से फिर बढ़ना शुरू होगी। देश में रविवार को 40,111 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इस दौरान 42,322 लोग ठीक भी हुए हैं।
दूसरी लहर का कहर कम भले हो गया है, लेकिन यह अभी भी जारी है। हर रोज़ सैकड़ों लोग वायरस के संक्रमण से अपनी क़ीमती जान गंवा रहे हैं। रविवार को 725 लोगों की संक्रमण से मौत हुई है। हालांकि, यह आंकड़ा 88 दिनों में सबसे कम दर्ज़ किया गया है। इससे पहले 7 अप्रैल को 684 लोगों की मौत हो चुकी थी।
देश में रविवार को 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 10 से भी कम लोगों की जान चली गई। यानी यहां मौतों का आंकड़ा दहाई से भी कम रहा है। वहीं 7 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई है।
इसके अलावा 12 राज्यों से अब तक डेल्टा प्लस संस्करण के 51 मामलों के बारे में पता चला है। शीर्ष 15 ज़िलों में नए मामले जो ज़्यादातर शहरी हैं, जून माह में केस फिर से बढ़े। लेकिन अच्छी बात यह रही कि तीन महीने से इनकी मृत्यु दर स्थिर है। दूसरी ओर नए मामलों में ग्रामीण ज़िलों की हिस्सेदारी जुलाई 2020 से सार्थक रूप से घटने से इनकार कर रही है, जब यह 45 प्रतिशत से अधिक हो गई थी और तब से इसमें उतार-चढ़ाव आया है।
डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण मामलों का अनुमान लगाने के लिए एक पैनल का गठन किया। यह पैनल मैथमेटिकल मॉडल के ज़रिए अनुमान लगाता है। अब कोरोना की तीसरी लहर पर पैनल का मानना है कि अगर कोविड प्रोटोकॉल का ठीक तरह से पालन नहीं किया गया तो अक्टूबर-नवंबर माह में तीसरी लहर अपने पीक पर हो सकती है।
कोरोना के मामलों में कमी और नियमों में छूट दिए जाने के बाद देश भर में लापरवाही के मामले सामने आने शुरू हो गए हैं। भले ही दिल्ली के बाज़ार हों या पर्यटन स्थल हर जगह लोगों की भारी भीड़ कोरोना नियमों का उल्लंघन करते हुए उमड़ रही है।
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