Soldier Bribery In Train : पाकिस्तान (Pakistan) के साथ सीमा पर बढ़ते तनाव के चलते अचानक ड्यूटी पर बुलाए गए भारतीय सेना (Indian Army) के जवानों को एक बेहद शर्मनाक अनुभव से गुजरना पड़ा। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) से जम्मू (Jammu) जा रहे सैनिकों ने आरोप लगाया है कि ट्रेन में टीटीआई (TTI) ने उनसे ₹150 रिश्वत ली और बदसलूकी भी की। घटना के सामने आने के बाद रेलवे (Railway) ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी टीटीआई को सस्पेंड कर दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
इस घटना की शुरुआत सूबेदार विनोद कुमार दुबे (Subedar Vinod Kumar Dubey) के बयान से हुई। उन्होंने बताया कि उन्हें 8 तारीख की रात 10 बजे अचानक सूचना मिली कि छुट्टी रद्द कर दी गई है और तत्काल जम्मू पहुंचना है। वह उसी रात 11 बजे रेलवे स्टेशन पहुंचे और मालवा एक्सप्रेस (Malwa Express – 12919) से सफर शुरू किया। चूंकि समय कम था, वह रिजर्वेशन नहीं कर पाए और जनरल टिकट लेकर एस-1 कोच में चढ़ गए। रातभर वह खाली सीट पर बैठे रहे।
सूबेदार ने बताया कि शुक्रवार सुबह जब ट्रेन सोनीपत (Sonipat) और पानीपत (Panipat) के बीच थी, तब टीटीआई दलजीत सिंह (TTI Daljeet Singh) कोच में आए। उनके साथ अग्निवीर जहीर खान (Agniveer Zaheer Khan) और हवलदार राजकुमार भदौरिया (Havildar Rajkumar Bhadoriya) भी थे। टीटीआई ने पहले जहीर से टिकट मांगा, जिसने जनरल टिकट दिखाया और अपना सेना का पहचान पत्र भी दिखाया। इसके बावजूद टीटीआई ने ₹150 लिए और बिना रसीद दिए चले गए।
आरोप है कि जब रसीद मांगी गई तो टीटीआई ने देने से मना कर दिया और कहा कि वह आगे तक ट्रेन में रहेंगे। सूबेदार ने बताया कि जब उन्होंने रिश्वत देने से मना किया, तो टीटीआई ने उन्हें जनरल कोच में जाने को कहा और दुर्व्यवहार किया। हवलदार राजकुमार ने भी कहा कि उनके साथ भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया।
इस घटना की जानकारी जब मीडिया में आई तो रेलवे ने कार्रवाई करते हुए आरोपी टीटीआई को सस्पेंड कर दिया। रेलवे के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से जानकारी दी गई कि टीटीआई/लुधियाना (TTI/LDH) को निलंबित कर दिया गया है और जांच के आदेश दे दिए गए हैं। रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि जांच पूरी होने के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस पूरी घटना ने सेना के जवानों के साथ किए गए दुर्व्यवहार की गंभीरता को उजागर किया है, विशेषकर उस समय जब वे देश की रक्षा के लिए सीमा पर जा रहे हों। यह मामला न केवल रेलवे सेवा की गरिमा पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि सैनिकों की गरिमा और सम्मान से भी जुड़ा हुआ है।






