नई दिल्ली, 06 नवंबर (The News Air) आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति को विपक्षी दलों के ऊपर राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही भाजपा की दिल्ली सरकार की कड़ी निंदा की है। दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति द्वारा “आप” के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया, राम निवास गोयल और राखी बिड़लान समेत कई नेताओं को तथाकथित “फाँसी घर” मामले में नोटिस जारी करने पर पार्टी ने भाजपा सरकार को आड़े हाथ लिया। “आप” ने कहा कि यह नोटिस पिछले नौ महीनों में दिल्ली में भाजपा सरकार की नाकामियों से जनता का ध्यान हटाने की एक हताशा भरी कोशिश है।
“आप” ने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद से दिल्ली के हालात बद से बदतर हो गए है। मोहल्ला क्लीनिक बंद हो रहे हैं, सरकारी स्कूलों की हालत खराब है, बसें कम पड़ रही हैं, सड़कों पर बड़े बड़े गड्ढे हैं, हवा जहरीली हो गई है और द्वारका, देवली, छतरपुर जैसे इलाकों में पानी की भारी किल्लत है। भाजपा सरकार ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली “आप” सरकार द्वारा दिल्लीवासियों के हित में बनाई हर व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है।
सार्वजनिक परिवहन की हालत पर “आप” ने कहा कि बसों की संख्या घट गई है, जिससे हज़ारों यात्री रोज़ परेशान हो रहे हैं। महिलाएँ, छात्र और मजदूर वर्ग सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं, जो पहले मजबूत बस इंफ्रास्ट्रक्चर से फ़ायदा उठाते थे।
“आप” ने कहा कि गड्ढे, अधूरी मरम्मत और रखरखाव में देरी की वजह से पूरे शहर में सड़के जानलेवा बन गई हैं। भाजपा सरकार दिल्ली को विश्वस्तरीय बनाने की बात करती है, पर टूटी सड़कें, बढ़ता प्रदूषण और सरकारी लापरवाही साफ़ दिख रही है।
“आप” ने आगे कहा कि इन समस्याओं का समाधान करने की बजाय भाजपा सरकार नोटिस भेजने और राजनीतिक नौटंकी करने में लगी है। दिल्ली का शासन सर्कस बन गया है, जहां सिर्फ़ शोर है, कोई काम नहीं होता।
प्रदूषण पर “आप” ने याद दिलाया कि स्मॉग टावर बंद पड़े हैं, कृत्रिम बारिश के नाम पर टैक्सपेयर का खूब पैसा बहाया गया और नाकामी छिपाने के लिए प्रदूषण के आंकड़ों में हेराफेरी की जा रही है। नौ महीने बाद भी दिल्ली की हवा दमघोटू है, लेकिन भाजपा पूरी तरह से आरोप-प्रत्यारोप में व्यस्त है।
“आप” ने सैकड़ों मोहल्ला क्लीनिक बंद करने या बिना डॉक्टर-दवा चलाने की निंदा की, जिससे लाखों लोग सस्ती इलाज से वंचित हो गए। पार्टी ने पूछा कि जो सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था मज़बूत करने का वादा करती थी, वही उसे खत्म कर रही है। इससे ज़्यादा जनविरोधी क्या हो सकता है?
बुनियादी सुविधाओं पर “आप” ने कहा कि 2025 में दिल्ली के गरीब-मध्यम वर्ग पानी के टैंकरों की लाइन में लगे हैं। द्वारका, जनकपुरी जैसे नियोजित क्षेत्रों में भी पानी की किल्लत है। यही भाजपा राज की हकीकत है।
“आप” ने कहा कि प्रदूषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन, पानी और इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित हर मोर्चे पर फेल भाजपा अब सिर्फ़ कीचड़ उछालने और विपक्षी नेताओं को परेशान करने में लगी है। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, राखी बिड़लान और राम निवास गोयल को नोटिस भेजने से भाजपा की नाकामी नहीं छिपेगी।
“आप” ने भाजपा को राजनीति से ऊपर उठकर काम करने की नसीहत देते हुए कहा कि चुनाव खत्म हो चुके हैं। दिल्लीवालों ने भाजपा को सरकार चलाने के लिए चुना है, बदला लेने के लिए नहीं। अब जागो और दिल्लीवालों के हित में काम शुरू करो। लोगों को ड्रामा नहीं, सुशासन चाहिए।
नोटिस की वैधता पर “आप” ने कहा कि विशेषाधिकार समिति संचार (पीसीसी) में जिस घटना का ज़िक्र है, वो अगस्त 2022 की है, यानी दिल्ली की सातवीं विधानसभा के समय की। लेकिन सातवीं विधानसभा फरवरी 2025 में भंग हो गई और 09.09.2025 को आठवीं विधानसभा की प्रिविलेज कमेटी ने पीसीसी जारी कर दिया।
“आप” ने आगे कहा कि सातवीं विधानसभा भंग होने के बाद आठवीं विधानसभा सातवीं के सदस्यों के कामों पर विशेषाधिकार कार्रवाई नहीं चला सकती।
“आप” ने कहा कि इस संदर्भ में वह सुप्रीम कोर्ट के अमरिंदर सिंह बनाम पंजाब विधानसभा (2010) फैसले पर यकीन रखती है। इससे विशेषाधिकार समिति की कार्रवाई न सिर्फ़ राजनीतिक से प्रेरित है, बल्कि कानूनी तौर पर भी टिकाऊ नहीं है।
“आप” ने कहा कि भाजपा विशेषाधिकार समिति का दुरुपयोग कर रही है, जबकि दिल्ली के असली मुद्दे उलझे पड़े हैं। दिल्ली विधानसभा जनता की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है और विशेषाधिकार समिति का काम संस्थागत गरिमा बनाए रखना है। दिल्लीवालों को बेहतर ज़िंदगी, सुविधाएँ और हालात चाहिए। आठवीं विधानसभा और ख़ासकर इस समिति के पास ज़्यादा ज़रूरी काम हैं। जनहित में इस बदले की राजनीति वाली कोशिश को रोक देना चाहिए, जो न सिर्फ़ कानून की अदालत में, बल्कि जनता की अदालत में भी फेल होगी।






