नई दिल्ली, 27 अप्रैल (The News Air) विदेश में पढ़ीं व फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाली महिला उम्मीदवार बांसुरी स्वराज गांवों में ठेठ हरियाणवी में वोट मांग रही हैं। दूसरी तरफ गांव में पढ़ीं भाजपा की उम्मीदवार कमलजीत पॉश इलाके में फर्राटेदार अंग्रेजी बोलकर वोट मांग रही हैं। दोनों महिलाएं सिख बहुल इलाकों में पंजाबी में बात करते हुए वोट देने की अपील कर रही हैं। पूर्वांचली नेता भोजपुरी में भाषण देकर मतदाताओं को साधने में जुटे हैं। ऐसा नजारा करीब डेढ़ माह से राजधानी में है।
नई दिल्ली क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार बांसुरी स्वराज विदेश में पढ़ी हैं, गांवों में प्रचार के दौरान उनके भाषण में विदेश में पढ़े होने की एक प्रतिशत भी झलक नहीं होती है। वे गांवों में प्रचार करने के दौरान ठेठ हरियाणवी में बात करती हैं। खासतौर पर महिलाओं से वोट का आग्रह करते हुए कहती हैं कि मैं थ्यारी बेटी-भांजी सू। ब्हाण-बेटी ने घर तै खाली न भेज्या करय। अपणी बेटी का पूरा ध्यान राखणा सै। उनकी यह बात सुनकर ग्रामीण अचंभित हो जाते हैं।
उधर, पश्चिम दिल्ली क्षेत्र से भाजपा की उम्मीदवार कमलजीत सहरावत भी प्रचार के दौरान जैसा इलाका वैसी ही भाषा का इस्तेमाल कर रही हैं। वे द्वारका, जनकपुरी, विकासपुरी जैसी पॉश कालोनियों में वोट मांगने के दौरान अंग्रेजी बोलती नजर आती हैं। उनके भाषण की शुरुआत देखकर लोग आश्चर्यचकित हो जाते हैं। दोनों उम्मीदवार सिख बहुल इलाकों में पंजाबी में बात करने के साथ-साथ भाषण भी पंजाबी में देती हैं। बांसुरी व कमलजीत मंच पर चढ़ते ही सत् श्री अकाल बोलकर सभी को प्रणाम कर कहती हैं कि असी वोट मंगन आए ने, तुसी ध्यान रखना, साडे ते अपणी मेहर बनाए रखना।
पश्चिम दिल्ली क्षेत्र से आप के उम्मीदवार महाबल मिश्रा भी अपने अंदाज में वोट मांग रहे हैं। वह पूर्वांचली बहुल इलाकों में भाषण के दौरान बीच-बीच में भोजपुरी भी बोलते हैं। इस दौरान पूर्वांचलियों का उत्साह देखते ही बनता है और वे ताली बजाकर हौसला बढ़ाने लग जाते हैं। वे गांवों, पॉश कालोनियों व अनधिकृत कालोनियों में प्रचार करने के दौरान उन इलाके में वर्ष 2009-14 के सांसद काल के कार्यों का उल्लेख कर वोट देने की अपील करते हैं। साथ ही वादा करते हैं कि वे उनके बीच रहने वाले हैं और पहले की तरह भविष्य में भी कार्य कराएंगे। वे गांवों में हरियाणवी में भी बात रखने का प्रयास करते हैं। इस दौरान वह ग्रामीणों को कहते हैं कि उनकी पगड़ी पर आंच नहीं आने देंगे।
चांदनी चौक से कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश अग्रवाल गंगा-जमुनी तहजीब का हवाला देते हुए सभी धर्म व वर्ग के अपने पुराने परिचितों से चुनाव में जुटने की अपील कर रहे हैं। वे खासकर पुरानी दिल्ली स्थित इलाकों में लोगों के घर जाने के दौरान पुरानी बातों की चर्चा करते हैं और उनसे कहते हैं, ‘इलाके की प्रसिद्ध कचौड़ी नहीं खिलाओगे। क्या भूखा ही भेजने की मंशा है। मैं तो आज आपके यहां खाने की सोचकर घर बिना खाए ही निकला हूं।’ उनकी बातें सुनकर लोग जोर के ठहाके लगाने लग जाते हैं। इधर, कुछ पल में उनके लिए पुरानी दिल्ली की प्रसिद्ध चाट-पकौड़ी लाई जाती है। इसे देखकर जयप्रकाश फिर चुटकी लेते हुए कहते हैं, अब मजा आया है।