ED Raid on Inderjit Singh Yadav: दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए इंद्रजीत सिंह यादव के ठिकानों पर छापेमारी की है, जहां से अधिकारियों को नोटों का ऐसा जखीरा मिला कि वे भी दंग रह गए। राजधानी के सर्वप्रिया विहार स्थित आवास से ईडी ने 5 करोड़ 12 लाख रुपये कैश, 8 करोड़ रुपये की ज्वैलरी और करोड़ों की प्रॉपर्टी के दस्तावेज बरामद किए हैं। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और लोन सेटलमेंट के नाम पर की गई धोखाधड़ी के मामले में की गई है।
‘ED’ के आकार में सजी नोटों की गड्डियां
छापेमारी के दौरान जो तस्वीरें सामने आई हैं, वे हैरान करने वाली हैं। ईडी के अधिकारियों ने बरामद 500-500 रुपये की गड्डियों को ‘ED’ के आकार में सजाकर अपनी कार्रवाई की मोहर लगाई है। इंद्रजीत सिंह यादव और अपोलो ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Apollo Green Energy Ltd) के खिलाफ की गई इस रेड में एक बड़ा सूटकेस भी मिला, जो सोने-चांदी के गहनों से भरा हुआ था, जिसकी अनुमानित कीमत 8 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इसके अलावा, लगभग 35 करोड़ रुपये की संपत्ति के कागजात भी जब्त किए गए हैं।
लोन सेटलमेंट का ‘खेल’ और काली कमाई
इंद्रजीत सिंह यादव पर आरोप है कि वह लोगों के लोन सेटलमेंट (Loan Settlement) करवाने के नाम पर मोटी रकम वसूलता था। यह धंधा उगाही और ठगी के जरिए चलाया जा रहा था। लोगों से पैसे लेकर उन्हें जमीनों और सोने-चांदी में निवेश किया जाता था, और जो पैसा निवेश नहीं हो पाता था, उसे घर में कैश के रूप में छिपाकर रखा गया था। इंद्रजीत और उसके सहयोगियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश और हरियाणा पुलिस के पास पहले से ही 14-15 मामले दर्ज हैं, जिसके आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी।
विश्लेषण: सफेदपोश अपराध का काला सच
एक वरिष्ठ संपादक के नजरिए से देखें तो यह मामला सिर्फ एक छापेमारी तक सीमित नहीं है। यह लोन सेटलमेंट के नाम पर चल रहे एक बड़े ‘सिंडिकेट’ का पर्दाफाश है। अक्सर लोग बैंक लोन चुकाने में असमर्थ होने पर ऐसे बिचौलियों के जाल में फंस जाते हैं, जो ‘सेटलमेंट’ का झांसा देकर उनसे और पैसे ठग लेते हैं। इंद्रजीत सिंह यादव का मामला यह साबित करता है कि कैसे इस अवैध धंधे से जमा की गई काली कमाई को रियल एस्टेट और बुलियन (सोना-चांदी) में खपाया जा रहा है। इतनी बड़ी मात्रा में नकदी का मिलना यह भी दर्शाता है कि डिजिटल इंडिया के दौर में भी ‘कैश इकोनॉमी’ का एक बड़ा हिस्सा अभी भी अंडरग्राउंड चल रहा है।
आम आदमी पर असर
यह खबर आम आदमी के लिए एक चेतावनी है। अगर कोई भी एजेंट या व्यक्ति यह दावा करता है कि वह आपका बैंक लोन सस्ते में सेटल करवा देगा, तो सावधान हो जाएं। यह एक बड़ा फ्रॉड हो सकता है। बैंक लोन सेटलमेंट की प्रक्रिया हमेशा बैंक के साथ सीधे और पारदर्शी तरीके से की जानी चाहिए, न कि किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से। ऐसे मामलों में फंसकर व्यक्ति अपनी बची-खुची पूंजी भी गंवा सकता है।
जानें पूरा मामला
क्या है पृष्ठभूमि: इंद्रजीत सिंह यादव, अपोलो ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और उनके सहयोगियों के खिलाफ यूपी और हरियाणा में उगाही और धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज थे। इसी आधार पर ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत जांच शुरू की। खुफिया जानकारी मिलने पर दिल्ली के ठिकानों पर छापेमारी की गई, जहां से नोटों और गहनों का यह विशाल जखीरा बरामद हुआ। जांच अभी भी जारी है और यह आंकड़ा बढ़ सकता है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
-
ED Raid में इंद्रजीत सिंह यादव के घर से 5.12 करोड़ रुपये नकद बरामद।
-
एक सूटकेस में लगभग 8 करोड़ रुपये की ज्वैलरी मिली।
-
35 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति के दस्तावेज भी जब्त किए गए।
-
आरोपी पर लोन सेटलमेंट के नाम पर उगाही करने का आरोप है।
-
यूपी और हरियाणा में पहले से दर्ज हैं 14 से ज्यादा FIR।








