चंडीगढ़, 16 जुलाई (The News Air)
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसानों की ओर से सांसदों को जारी की ‘पीपलज विप’ का समर्थन करते आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रधान और सांसद भगवंत मान ने सांसदों को एक पत्र लिख कर किसानों की आवाज बनने की अपील की है। पत्र के द्वारा भगवंत मान ने अपील करते कहा कि पंजाब समेत पूरे देश के किसान पिछले एक साल से केंद्र की ओर से थोपे गए काले कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं, परंतु लम्बा समय बीत जाने के बावजूद भी केंद्र सरकार के कानों पर जूं तक नहीं सरकी है और किसानों की जायज मांगों के प्रति सरकार ने कोई भी गंभीरता नहीं दिखाई है।
मान ने कहा कि इस संघर्ष के दौरान किसान अपने करीब 200 से ज़्यादा साथियों को खो चुके हैं और अब समय है कि केंद्र सरकार इस सम्बन्धित ठोस फैसला लेते हुए किसानों की मांगों के अनुसार यह काले कानून वापस ले। भगवंत मान ने कहा कि वह आम आदमी पार्टी पंजाब के प्रधान और लोक सभा से संसद मैंबर होने के साथ साथ किसान का पुत्र होने के नाते सांसदों से अपील करते हैं कि किसानों के मसले पर सभी मैंबर एकजुट हो कर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोलें, जिससे सरकार इस सम्बन्धित कोई ठोस फैसला ले।
मान ने कहा कि संसद का मानसून सैशन 19 जुलाई से शुरू हो रहा है और इस दौरान वह अपने तौर पर भी किसानी कानूनों सम्बन्धित कई प्रश्न स्पीकर साहिब की आज्ञा के साथ लोक सभा में रखेंगे। उन्होंने सांसदों को अपील की है कि किसानों के हुक्म मानते हुए सैशन के दौरान बॉयकॉट या वॉकआउट से गुरेज किया जाये और इन काले कानूनों के खिलाफ संसद के अंदर रह कर ही अपनी आवाज बुलंद की जाये, क्योंकि किसान हमारे देश के अंनदाता और रीढ़ की हड्डी हैं। इस लिए किसानों की आवाज को हाकिमों तक पहुंचाना समूह सांसदों की जिम्मेदारी और धर्म है।
मान ने कहा कि लोगों की आवाज बुलंद कर रही तृणमूल कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी समेत सभी पार्टियों के सदस्यों को राजनीति और पार्टी लाइन से ऊपर उठ कर इस मुद्दे को गंभीरता के साथ उठाना चाहिए। उन्होंने किसान नेताओं को भरोसा दिलाते कहा कि लोगों का नुमाइंदा होने के नाते वह अलग अलग पार्टियों के सांसदों को किसानों की आवाज बुलंद करने के लिए भी जरूर मिलेंगे।