चंडीगढ़, 1 मई
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रधान और संसद मैंबर भगवंत मान ने कहा कि देश में फैली कोरोना महामारी के दौरान अति जरूरी दवाएं, टीके, ऑक्सीजन की काला बाजारी देश समेत पंजाब में भी ज़ोरों पर है, जिस को रोकने में सरकारें फेल साबित हो रही हैं।
शनिवार को पार्टी के मुख्य दफ़्तर से जारी बयान में भगवंत मान ने कहा कि देश भर में कोरोना के इलाज के लिए जरूरी दवाएं, रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की काला बाजारी की रिपोर्टें आ रही हैं। इन दवाओं और ऑक्सीजन के गैर क़ानूनी कामों के लिए प्रयोग हो रही है। यह सब गतिविधियां मोदी सरकार की नाकामी सिद्ध कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौर में दवाएं और ऑक्सीजन की सही वितरित करना, संभाल और पैदा करने के लिए मोदी सरकार जि़म्मेदार है। जब अस्पताल कोविड से सम्बन्धित दवाएं और ऑक्सीजन की कमी के साथ जूझ रहे हैं और कोरोना पीडि़त मरीज़ों के परिवार वाले परेशान हो रहे हैं, तो तब शरारती तत्व दस गुणा महंगी कीमत पर यह दवाएं बेच रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना पीडि़तों की संख्या बढऩे के कारण दवाएं और ऑक्सीजन अस्पतालों में से भी गंभीर मरीज़ों को कालाबाज़ारी के द्वारा मुँह मांगे पैसों पर बेची जा रही हैं।
मान ने कहा कि रेमडेसिविर टीके समेत ऑक्सीजन और अन्य दवाओं की कालाबाज़ारी की रिपोर्टें पंजाब में से भी आ रही हैं। जमाखोर ऑक्सीजन गैस के सिलेंडर और दवाएं दूसरे प्रदेशों समेत पंजाब में भी कालाबाज़ारी के द्वारा महंगी कीमतों पर बेच रहे हैं। उन्होंने दोष लगाया कि कोरोना पीडि़तों की जानें बचाने के लिए जरूरी दवाएं और ऑक्सीजन की कालाबाजारी रोकने में नरेंद्र मोदी और कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकारें फेल साबित हुई हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से कई रिपोर्टें आईं जहां रेमडेसिविर के इंजेक्शन 30,000 रुपए से अधिक में बिक रहे हैं, जबकि सरकारों द्वारा निर्धारित कीमत इस से कहीं कम है। सिर्फ दवाओं की भारी कीमतों के साथ ही नहीं, लोगों को नकली दवाओं की बिक्री के द्वारा भी लूटा जा रहा है, और यह सब जब देश एक राष्ट्रीय एमरजैंसी में से गुजर रहा है।
महामारी के दौर में नरेन्द्र मोदी और कैप्टन अमरिंदर सिंह के राज में दवाएं और ऑक्सीजन माफिय़ा भी अस्तित्व में आ गया है। मान ने कहा कि दवाएं और ऑक्सीजन की हो रही गैर क़ानूनी प्रयोग की कोई जांच नहीं हो रही। दवा कंपनियां जानबूझ कर दवाओं की कमी पैदा करके इनको मुँह मांगीं कीमतों पर बेच रही हैं। प्रदेश और केंद्र सरकार दवा कंपनियों के साथ मिलीभगत करके आम लोगों के जीवन के साथ खेल रही हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब और केंद्र सरकारें कालाबाज़ारी रोकने के नाम पर केवल ड्रामे कर रही हैं, सच तो यह है कि भाजपा और कांग्रेसियों की मिलीभगत के कारण जमाखोरों के हौंसले बुलंद हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के जालंधर और अन्य शहरों से भी रेमडेसिविर दवा की कालाबाजारी की रिपोर्टें आ रही हैं, जहां यह दवा असल कीमत से कहीं ज़्यादा कई कई हजार रुपए पर बेची जा रही है।