Second Hand Phone Tips : आज के डिजिटल दौर में हर किसी का सपना होता है कि उसकी जेब में एक प्रीमियम स्मार्टफोन हो। लेकिन जब बजट आड़े आता है, तो लोग अक्सर ‘सेकंड हैंड’ (Second Hand) या ‘रिफर्बिश्ड’ (Refurbished) फोन की तरफ रुख करते हैं। कम पैसों में महंगा फोन मिल जाना किसी जैकपॉट से कम नहीं लगता, लेकिन ठहरिए! अगर आपने फोन खरीदने से पहले कुछ जरूरी चीजों की जांच नहीं की, तो यह सस्ता सौदा आपके लिए सिरदर्द बन सकता है और आपको जेल की हवा तक खानी पड़ सकती है।
सस्ते के चक्कर में जेल न हो जाए
बाजार में पुराना फोन खरीदते समय सबसे बड़ा जोखिम उसके ‘लीगल’ होने का होता है। कई बार अनजाने में हम चोरी का या ब्लैकलिस्टेड फोन खरीद लेते हैं। वीडियो में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि फोन खरीदने से पहले उसका IMEI नंबर जरूर चेक करें। यह नंबर फोन की कुंडली होता है। इसे आप सरकारी CEIR पोर्टल या अपने नेटवर्क ऑपरेटर के जरिए वेरीफाई कर सकते हैं। अगर आपने चोरी का फोन खरीद लिया, तो नेटवर्क ब्लॉक होने के साथ-साथ पुलिस पूछताछ का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, अगर आईएमईआई को लेकर जरा भी शक हो, तो उस डील से तुरंत पीछे हट जाएं।
चमक-दमक पर न जाएं, बारीकी से देखें
अक्सर पुराने फोन बाहर से चमचमाते हुए दिखते हैं, लेकिन उनकी ‘फिजिकल कंडीशन’ (Physical Condition) की गहराई से जांच जरूरी है। हल्की खरोंच तो चल सकती है, लेकिन अगर स्क्रीन पर लाइनें, काले धब्बे या टच में दिक्कत है, तो सावधान हो जाइए। फोन का फ्रेम अगर टेढ़ा है, बटन ढीले हैं या चार्जिंग पोर्ट हिल रहा है, तो इसका मतलब है कि फोन बुरी तरह गिरा है या उसका रफ इस्तेमाल हुआ है। कैमरा लेंस और स्पीकर ग्रिल को भी ध्यान से देखें, क्योंकि धूल और नमी अंदर के पुर्जों को खराब कर सकती है।
बैटरी और सॉफ्टवेयर की कुंडली खंगालें
स्मार्टफोन की जान उसकी बैटरी होती है। पुराने फोन में अक्सर बैटरी कमजोर मिलती है। अगर फोन जल्दी डिस्चार्ज हो रहा है, गर्म हो रहा है या धीरे चार्ज हो रहा है, तो समझ लीजिए कि आपको जल्द ही बैटरी बदलवानी पड़ेगी, जो एक अतिरिक्त खर्चा होगा। इसके अलावा, फोन का सॉफ्टवेयर और सिक्योरिटी चेक करना भी बेहद जरूरी है। सुनिश्चित करें कि फोन में पुराने मालिक का Google या Apple अकाउंट लॉग-इन न हो। फैक्ट्री रिसेट के बाद भी अगर फोन पुराना अकाउंट मांग रहा है, तो वह लॉक हो सकता है। यह भी देखें कि फोन को सिक्योरिटी अपडेट मिल रहे हैं या नहीं।
सस्ते के पीछे का राज और बिल
कीमत का लालच अक्सर भारी पड़ता है। अगर कोई फोन बाजार भाव से बहुत ज्यादा सस्ता मिल रहा है, तो दाल में कुछ काला जरूर है। बिना बिल, बॉक्स और एक्सेसरीज वाले फोन खरीदने से बचें, क्योंकि इनमें चोरी का माल होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। फोन के सभी फीचर्स जैसे वाई-फाई, ब्लूटूथ, जीपीएस, फिंगरप्रिंट सेंसर, माइक और स्पीकर को मौके पर ही टेस्ट करें। हमेशा किसी भरोसेमंद दुकान या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से ही फोन खरीदें और बिल या ट्रांजेक्शन का प्रूफ जरूर लें।
विश्लेषण: संगठित बाजार बनाम भरोसा
सेकंड हैंड फोन का बाजार भारत में तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन यह असंगठित (Unorganized) ज्यादा है। सड़क किनारे या अनजान व्यक्ति से फोन खरीदना एक जुए की तरह है। यहां सबसे बड़ी समस्या ‘भरोसे’ की है। तकनीकी कचरा (E-waste) कम करने के लिए पुराने फोन का इस्तेमाल एक अच्छी पहल है, लेकिन उपभोक्ताओं को ‘जागरूकता’ को अपना हथियार बनाना होगा। एक छोटी सी तकनीकी जांच आपको हजारों रुपये के नुकसान और कानूनी पचड़ों से बचा सकती है। जब तक आप खुद आश्वस्त न हों, अपनी मेहनत की कमाई किसी पुराने गैजेट पर न लगाएं।
जानें पूरा मामला
आजकल प्रीमियम स्मार्टफोन्स की बढ़ती कीमतों के कारण लोग ईएमआई और एक्सचेंज ऑफर के अलावा सेकंड हैंड मार्केट का रुख कर रहे हैं। हालांकि, पुराने फोन खरीदने में चोरी के फोन, खराब हार्डवेयर और लॉक होने के जोखिम शामिल हैं। वीडियो में इन्हीं जोखिमों से बचने के लिए स्टेप-बाय-स्टेप गाइड दी गई है।
मुख्य बातें (Key Points)
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फोन खरीदने से पहले IMEI नंबर को सरकारी पोर्टल पर जरूर चेक करें।
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स्क्रीन पर काले धब्बे, टेढ़ा फ्रेम और ढीले चार्जिंग पोर्ट से फोन की कंडीशन पहचानें।
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बैटरी के जल्दी डिस्चार्ज होने या फोन गर्म होने की समस्या को नजरअंदाज न करें।
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सुनिश्चित करें कि फोन में पुराना Google या Apple अकाउंट लिंक न हो।
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बिना बिल और बॉक्स के बहुत सस्ते फोन खरीदने से बचें, यह चोरी का हो सकता है।






