Arvind Kejriwal Rajya Sabha Entry को लेकर अटकलों को अब और बल मिल गया है क्योंकि लुधियाना पश्चिम (Ludhiana West) विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ी जीत हासिल हुई है। इस सीट पर पार्टी उम्मीदवार संजीव अरोड़ा (Sanjeev Arora) ने जीत दर्ज की है, जिससे न केवल पंजाब में AAP की स्थिति मजबूत हुई है बल्कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की राज्यसभा में एंट्री का रास्ता भी खुलता नजर आ रहा है।
बताया जा रहा है कि संजीव अरोड़ा के विधानसभा सीट पर जीत के बाद, जल्द ही कैबिनेट विस्तार किया जा सकता है। उन्हें मंत्री पद दिए जाने की भी संभावना है। इसके साथ ही उनके इस्तीफे से खाली होने वाली राज्यसभा सीट पर खुद अरविंद केजरीवाल को भेजने की योजना पर विचार हो रहा है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद से ही इस बात की चर्चा थी कि केजरीवाल अब राज्यसभा के माध्यम से राष्ट्रीय राजनीति में वापसी कर सकते हैं।
अरविंद केजरीवाल ने अपने चुनावी कैंपेन के दौरान ही पंजाब में कैबिनेट विस्तार की बात कही थी। संजीव अरोड़ा को आम आदमी पार्टी नेतृत्व का करीबी माना जाता है और उन्हें रणनीतिक रूप से मैदान में उतारा गया था। अब पार्टी की रणनीति का अगला चरण उनकी जगह राज्यसभा में केजरीवाल को भेजना हो सकता है।
लुधियाना पश्चिम (Ludhiana West) सीट से जीतने का पार्टी के लिए बड़ा महत्व है। यह सीट पारंपरिक रूप से कांग्रेस (Congress) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रभाव वाली मानी जाती थी। यहां व्यापारियों की बड़ी आबादी है, जो पहले इन पारंपरिक दलों को वोट देती थी। इस बार आप (AAP) ने न केवल कांग्रेस उम्मीदवार भारत भूषण आशु (Bharat Bhushan Ashu) को हराया, बल्कि भाजपा तीसरे स्थान और शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) चौथे स्थान पर खिसक गया।
इस उपचुनाव में आम आदमी पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी थी। मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia), सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) और पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) की पत्नी ने भी जोरदार प्रचार किया। अरविंद केजरीवाल खुद भी दिल्ली चुनाव के बाद लगातार पंजाब में सक्रिय रहे।
गौरतलब है कि यह उपचुनाव आप विधायक गुरप्रीत सिंह गोगी (Gurpreet Singh Gogi) के निधन के बाद हुआ था। इसे 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा था, जिसे जीतकर AAP ने एक अहम मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल की है। अब इस जीत को पार्टी कैबिनेट विस्तार और केंद्रीय राजनीति में अपने नेता की एंट्री के रूप में इस्तेमाल कर सकती है।