सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में हिस्सेदारी की बिक्री के लिए करीब 50-60 एंकर इनवेस्टर्स की पहचान की है। इनमें ब्लैकरॉक (Blackrock), सैंड्स कैपिटल (Sands Capital), फिडेलिटी इनवेस्टमेंट्स (Fidelity Investments), स्टैंडर्ड लाइफ (Standard Life) और जेपी मॉर्गन (JP Morgan) जैसी दिग्गज फाइनेंशियल कंपनियां शामिल हैं। सरकार ने एलआईसी की वैल्यूएशन को लेकर एंकर इनवेस्टर्स से फीडबैक भी लिया है।
सरकार क्यों चाहती है अट्रैक्टिव वैल्यूएशन?
बिजनेस न्यूज वेबसाइट बिजनेस स्टैंडर्ड ने यह खबर दी है। उसने लिखा है कि मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया है कि एलआईसी की वैल्यूएशन करीब 7 लाख करोड़ रुपये लगाई गई है। सरकार LIC की अट्रैक्टिव वैल्यूएशन चाहती है। उसका मानना है कि इससे इस आईपीओ में इनवेस्टर्स की दिलचस्पी बढ़ेगी। अट्रैक्टिव वैल्यूएशन होने पर आईपीओ में पैसे लगाने वाले इनवेस्टर्स को अच्छा प्रॉफिट हो सकता है।
कितनी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार?
सरकार के पास एलआईसी में मैक्सिमम 7.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का राइट्स है। लेकिन, माना जा रहा है कि वह देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी में 5 फीसदी से थोड़ी ज्यादा हिस्सेदारी बेच सकती है। सरकार की कोशिश इस महीने के आखिर तक एलआईसी का आईपीओ पेश करने की है। अगर सरकार 12 मई तक आईपीओ का प्रोसेस पूरा नहीं करती है तो उसे फिर से सेबी को ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) भेजना होगा।
मार्च में क्यों नहीं आया LIC का आईपीओ?
सरकार ने पहले मार्च में LIC का आईपीओ पेश करने का प्लान बनाया था। लेकिन, 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले शुरू होने के बाद स्टॉक एक्सचेंज में बड़ी गिरावट आ गई। उसके बाद से मार्केट चढ़ता-उतरता रहा है। इधर, इंट्रेस्ट रेट बढ़ने के अनुमान से भी मार्केट में थोड़ी चिंता है। अमेरिका में इंट्रेस्ट रेट बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। इंडिया में भी इस साल की दूसरी छमाही में इंट्रेस्ट रेट बढ़ सकता है। इससे कंपनियों के लिए पूंजी जुटाना महंगा हो जाएगा।
लिस्टिंग के बाद कितनी बड़ी कंपनी हो जाएगी एलआईसी?
एलआईसी का आईपीओ कई मायनों में खास होगा। इसलिए इसका काफी इंतजार हो रहा है। यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध होने के बाद यह देश की सबसे बड़ी कंपनियों के क्लब में शामिल हो जाएगी। इसका मुकाबला रिलायंस इंडस्ट्रीज और टीसीएस से होगा। अभी रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे बड़ी कंपनी है। TCS दूसरे नंबर पर है। हालांकि, एचडीएफसी के विलय के बाद एचडीएफसी बैंक भी देश की सबसे बड़ी कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा।
पॉलिसीहोल्डर्स के लिए रिजर्व होंगे कितने शेयर?
इस इश्यू का एक हिस्सा एंकर इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व होगा। कंपनी अपने पॉलिसीहोल्डर्स को भी इस इश्यू में इनवेस्ट करने का खास मौका देगी। उनके लिए 10 फीसदी शेयर रिजर्व रखे जाएंगे।