नई दिल्ली, 18 दिसंबर (The News Air) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने संसद में संविधान पर बहस के दौरान मंगलवार को डॉ. भीम राव आंबेडकर को लेकर बयान दिया। इसको लेकर कांग्रेस हमलावर है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अमित शाह को कैबिनेट से हटाए जाने की मांग की है। इसपर अमित शाह ने कहा कि उनके दिल को खुश करने के लिए मैं इस्तीफा दे भी दूं, लेकिन इससे उनकी समस्या का हल नहीं होगा। उन्हें अगले 15 साल उसी जगह बैठना होगा।
गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बुधवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “पिछले दिनों में संसद में संविधान पर चर्चा हुई। कल से कांग्रेस पार्टी ने जिस तरह से तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखने का प्रयास किया है, मैं इसकी निंदा करता हूँ। भाजपा के वक्ताओं ने तथ्यों के साथ अपनी बात रखी। इससे तय हो गया कि कांग्रेस पार्टी आंबेडकर और संविधान विरोधी है। कांग्रेस ने सावरकर जी का भी अपमान किया। कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान के सारे मूल्यों की धज्जियाँ उड़ा दी। नारी सम्मान को भी वर्षों तक दरकिनार किया। न्यायपालिका का हमेशा अपमान किया। सेना के शहीदों का अपमान किया। भारत की भूमि तक को संविधान तोड़कर दूसरे देशों को दे दिया।”
गृह मंत्री ने कहा, “जब ये पूरा सत्य उजागर हो गया तब कल से कांग्रेस ने फिर एक बार पुरानी पद्धति अपनाते हुए सत्य को असत्य के कपड़े पहनाकर समाज में भ्रांति फैलाने का प्रयास किया है। सदन में चर्चा के दौरान यह साफ़ हो गया कि कांग्रेस ने किस प्रकार से बाबा साहेब का विरोध किया। कांग्रेस ने चुनाव में बाबा साहेब को हराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। कांग्रेस के नेताओं ने ख़ुद कई बार अपने आप को भारत रत्न दिया। 1955 में नेहरू ने ख़ुद को भारत रत्न दे दिया, 1971 में इंदिरा ने ख़ुद को भारत रत्न दिया। बाबा साहेब को भारत रत्न 1990 में तब मिला जब कांग्रेस सत्ता में नहीं थी। भाजपा के समर्थन वाली सरकार थी। 1990 तक बाबा साहेब को भारत रत्न न मिले, इसके लिए कांग्रेस प्रयास करती रही। यहाँ तक कि बाबा साहेब की 100वीं जयंती मनाने से भी इनकार कर दिया।”
राज्यसभा में मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया
अमित शाह ने कहा, “राज्यसभा में मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। मेरा मीडिया के सभी मित्रो से आग्रह है। कांग्रेस ने सार्वजनिक जीवन में पद्धति अपनाई है बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश करना, हो हल्ला मचाना और भ्रांति खड़ी करना। पहले उन्होंने नरेंद्र मोदी के एडिटेड बयान फैलाए, चुनाव चल रहा था तब मेरे बयान को AI का उपयोग कर एडिट किया गया और पूरे देश में प्रसारित किया गया। आज आंबेडकर जी के लिए मेरी बात को तोड़-मरोड़कर वह पेश कर रहे हैं। मेरा पूरा बयान जनता के सामने रखिए। मैं वह पार्टी से आता हूँ जो पार्टी कभी आंबेडकर जी का अपमान नहीं कर सकती। पहले जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा आंबेडकर जी के सिद्धांतों पर चलने का प्रयास किया है।”