Al Falah University : दिल्ली लाल किला ब्लास्ट मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, साजिश की परतें और गहरी होती जा रही हैं। इस आतंकी साजिश के तार अब सीधे तौर पर फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए अब इस जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की भी एंट्री हो गई है, जो यूनिवर्सिटी से जुड़े वित्तीय लेन-देन और टेरर फंडिंग के एंगल की जांच करेगी।
यह पूरा मामला अब एक ‘व्हाइट कॉलर’ टेरर मॉड्यूल के इर्द-गिर्द घूम रहा है, जिसमें यूनिवर्सिटी के पढ़े-लिखे प्रोफेसर और डॉक्टर शामिल पाए गए हैं।
चौथी संदिग्ध कार यूनिवर्सिटी से बरामद
जांच एजेंसियों ने आतंकी मॉड्यूल से जुड़ी चौथी संदिग्ध कार भी बरामद कर ली है, जो अल फलाह यूनिवर्सिटी के अंदर ही खड़ी मिली। यह संदिग्ध ब्रेजा (Brezza) कार आतंकी डॉ. शाहीन शाहिदा की बताई जा रही है।
इससे पहले डॉ. शाहीन की एक स्विफ्ट कार भी बरामद हुई थी, जिसे डॉ. मुजम्मिल चलाता था और उस कार से हथियार भी मिले थे।
गाड़ियों का जखीरा और साजिश
इस मॉड्यूल से जुड़ी अब तक चार गाड़ियां सामने आ चुकी हैं। ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई i20 कार भी यूनिवर्सिटी में ही खड़ी थी। इसके अलावा, एक इकोस्पोर्ट कार का इस्तेमाल विस्फोटकों को लाने-ले जाने के लिए किया गया था, जो डॉ. उमर की थी। अब यह चौथी ब्रेजा कार मिलने से जांच का दायरा और बढ़ गया है।
ED करेगी फंडिंग की जांच
मामले में टेरर फंडिंग का एंगल सामने आने के बाद गृह मंत्रालय ने जांच का जिम्मा ED को भी सौंपा है। ED अब अल फलाह यूनिवर्सिटी के वित्तीय मामलों का फॉरेंसिक ऑडिट करेगी।
एजेंसी इस बात की जांच करेगी कि यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों को हुई फंडिंग के तार किससे जुड़े हैं, उन्हें साजिश के लिए रकम कहां से मिलती थी और इस पैसे का सोर्स क्या था।
ओखला ऑफिस पर भी रेड
जांच का दायरा सिर्फ फरीदाबाद तक सीमित नहीं है। अल फलाह का हेड ऑफिस दिल्ली के ओखला में स्थित है। गुरुवार को दिल्ली और हरियाणा पुलिस की टीमों ने ओखला स्थित दफ्तर पर भी जांच की।
पुलिस ने वहां से कई दस्तावेज जांचे और अपने साथ ले गई। यह ऑफिस यूनिवर्सिटी में दाखिले और अन्य जानकारी के लिए एक रिसेप्शन सेंटर के तौर पर काम करता था।
क्या है पृष्ठभूमि?
दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने खुफिया अधिकारियों के साथ एक हाई-लेवल मीटिंग की है। इस बैठक में आईबी डायरेक्टर, एनआईए और ईडी के डायरेक्टर भी शामिल हुए। जांच में यह सामने आया है कि यह एक ‘व्हाइट कॉलर’ टेरर मॉड्यूल था, जिसमें अल फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टर और प्रोफेसर शामिल थे, जो दिल्ली-एनसीआर में कई धमाकों की साजिश रच रहे थे।
मुख्य बातें (Key Points)
- दिल्ली ब्लास्ट केस में ED की एंट्री, अल फलाह यूनिवर्सिटी की टेरर फंडिंग की जांच होगी।
- यूनिवर्सिटी कैंपस से चौथी संदिग्ध ब्रेजा (Brezza) कार बरामद, जो आतंकी डॉ. शाहीन की थी।
- इस मॉड्यूल से जुड़ी अब तक 4 गाड़ियां (i20, इकोस्पोर्ट, स्विफ्ट और ब्रेजा) सामने आ चुकी हैं।
- जांच एजेंसियों ने दिल्ली के ओखला स्थित यूनिवर्सिटी के हेड ऑफिस पर भी जांच-पड़ताल की है।






