The News Air- (चंडीगढ़) सिखों की सर्वोच्च संस्था, अकाल तख़्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने केंद्र की भाजपा सरकार की तुलना मुग़ल शासकों से की है। अकाली नेता मनजिंदर सिंह सिरसा के दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के प्रधान पद से इस्तीफ़ा देकर भाजपा जॉइन करने को लेकर अकाल तख़्त जत्थेदार ने भाजपा पर बड़ा हमला बोला।
अपने बयान में अकाल तख़्त जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि जिस तरह से मुग़ल शासक लोगों के आगे धर्म या ज़िंदगी में से किसी एक को चुनने का ऑप्शन रखते थे, वैसा ही ऑप्शन केंद्र में बैठी भाजपा ने मनजिंदर सिंह सिरसा के आगे रखा।
जत्थेदार ने कहा कि 1 दिसंबर की सुबह उनकी मनजिंदर सिंह सिरसा से बात हुई। तब तक सिरसा ने DSGMC के प्रधान पद से इस्तीफ़ा नहीं दिया था। सिरसा की बातों से आभास हो गया था कि वह दबाव में हैं।
झूठे केस दर्ज़ कर बनाया भाजपा में शामिल होने का दबाव
जत्थेदार के अनुसार, मनजिंदर सिंह सिरसा के सामने जेल जाने या फिर भाजपा में शामिल होने का ऑप्शन रखा गया था। सिरसा ने लड़ाई लड़ने की जगह भाजपा में शामिल होना ठीक समझा। अकाल तख़्त जत्थेदार ने नाम लिए बगैर कहा कि सिरसा को भाजपा जॉइन करवाने के पीछे दिल्ली और पंजाब के ही कुछ सिख नेताओं की भूमिका रही। इन्हीं लोगों ने सारी ज़मीन तैयार की। ऐसे सिख नेताओं को इसके परिणाम भविष्य में भुगतने पड़ेंगे।
भाजपा के DSGMC का प्रभार संभालने की आशंका
जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के अनुसार, बड़ी हैरानी की बात है कि दिल्ली में सिखों की सबसे बड़ी संस्था- दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुने गए प्रधान समेत 11 सदस्यों पर पहले झूठे केस दर्ज़ किए जाते हैं और उसके बाद उन पर भाजपा में शामिल होने या फिर जेल जाने का दबाव बनाया जाता है। जत्थेदार ने भाजपा की इस रीति और नीति को ग़लत क़रार देते हुए आशंका जताई कि भविष्य में ऐसा भी हो सकता है कि भाजपा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का प्रभार ही संभाल ले। यदि ऐसा हुआ तो इसके लिए दिल्ली के सिख भी ज़िम्मेदार होंगे।
पंथक नेताओं के मोर्चा खोलने के संकेत
सिखों की सर्वोच्च संस्था, अकाल तख़्त के जत्थेदार के इस बयान के बाद सिख समुदाय में हलचल बढ़ गई है और अंदर खाते भाजपा के ख़िलाफ़ ज़मीन तैयार करने की कोशिश शुरू हो गई है। अकाल तख़्त जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भाजपा की तुलना विदेशी हुक्मरानों और मुग़ल शासकों से करके स्पष्ट संकेत दे दिया है कि अब पंथक नेता भी उसके ख़िलाफ़ मोर्चा खोलने जा रहे हैं।