मुंबई, 07 जून (The News Air) लोकसभा चुनावों के बाद महाराष्ट्र में खेला होने की अटकलों के बीच अजित पवार की प्रतिक्रिया सामने आई है। अजित पवार ने बारामती में पत्नी सुनेत्रा पवार की हार के बाद विधायकों के शरद गुट में वापसी की अटकलों को खारिज किया है। पवार ने कहा कि एनसीपी के सभी विधायक मजबूती से उनके साथ हैं और उन्होंने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि कुछ विधायक शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट में जाने की योजना बना रहे हैं। लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए अजित पवार ने कहा कि विपक्ष कुछ भी कह सकता है। मुझे हमेशा लोगों का समर्थन मिला है। मेरे विधायकों, एमएलसी ने मुझे आश्वासन दिया है कि वे हमेशा मेरे साथ खड़े रहेंगे।
पांच विधायक नहीं पहुंचे थे
अजित पवार को लोकसभा चुनावों में बड़ा झटका लगा है। चुनाव नतीजों के बाद रोहित पवार ने दावा किया था कि 19 विधायक शरद पवार के संपर्क में हैं। वे वापस लौटना चाहते हैं। पवार ने यह भी कहा था कि वापसी में उन्हीं विधायकों को लिया जाएगा, जिन्होंने पार्टी छोड़ने के बाद मर्यादा बनाए रखी है। रोहित पवार के बयान के बाद महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई थी। अजित पवार ने छह जून को पार्टी नेताओं और विधायकों की बैठक ली थी। इसमें पांच विधायक नहीं पहुंचे थे। ऐसे में राेहित पवार के दावे को और मजबूती मिली थी। अब अजित पवार ने विधायकों के वापस चाचा शरद पवार के गुट में लौटने की संभावना से इनकार किया है। लोकसभा चुनावों में शरद पवार अपने भतीजे अजित पवार पर भारी पड़े हैं।
बारामती में लगा है बड़ा झटका
अजित पवार ने बारामती मे पत्नी सुनेत्रा पवार की हार पर कहा कि परिणाम आश्चर्यजनक है क्योंकि मुझे हमेशा वहां के लोगों का समर्थन मिला है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह एक बार फिर एनसीपी संस्थापक शरद पवार के साथ हाथ मिलाएंगे, तो अजित पवार ने कहा कि उन्होंने चुनाव में हार की जिम्मेदारी स्वीकार की है। पारिवारिक मामलों को सार्वजनिक करने की कोई जरूरत नहीं है। अजित पवार ने कहा कि पार्टी ने चुनाव परिणामों को अध्ययन करेगी। इसकी समीक्षा की जाएगी। पवार ने कहा कि कुछ कारणों से मुस्लिम मतदाता सत्तारूढ़ महायुति से दूर चले गए। संविधान बदलने के आरोपों ने दलितों और पिछड़ों को दूर कर दिया।
महाराष्ट्र में दल-बदल नई बात नहीं
अजित पवार से जब यह पूछा गया कि लोकसभा चुनावों के नतीजे क्या यह संदेश दे रहे हैं कि लोगों को दल बदल पसंद नहीं आया, तो अजित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में दलबदल कोई नई बात नहीं है। यह 1978 में भी हुआ था, जिसके कारण दिग्गज मुख्यमंत्री बने थे। पवार ने दोहराया कि हम हार गए और मैं पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। अजित पवार से पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार चलेगा तो उन्होंने कहा कि हमारी संख्या 300 करीब है। ऐसे में मुझे लगाता है कि सरकार पांच साल चलेगी।