चंडीगढ़ (The News Air) आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब के नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा पर पलटवार किया है। आप के प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग ने अफसोस जताते हुए कहा कि प्रताप सिंह बाजवा एक बार फिर प्रताप सिंह भाजपा साबित हुए हैं। जहां कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता देश को जोड़ने, राज्यों को अधिक अधिकार दिलाने और केंद्रीय ढांचे की वकालत के लिए देश भर में घूम रहे हैं। वहीं दूसरी ओर प्रताप बाजवा पंजाब में चुनी हुई सरकार के रोजाना के मामलों में भाजपा की तरफ से नियुक्त किए गवर्नर का समर्थन कर रहे हैं।
मालविंदर सिंह कंग ने कहा कि यह वही गवर्नर हैं, जिन्होंने मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार खत्म की। महाराष्ट्र में कांग्रेस और कर्नाटक समेत गोवा तक भाजपा द्वारा खरीद-फरोख्त कर विधायकों की जोड़-तोड़ कर कांग्रेस की सरकारें तोड़ी। बावजूद इसके प्रताप बाजवा गवर्नर की वकालत कर रहे हैं। कंग ने कहा कि उन्हें परेशानी यह है कि भगवंत मान की अगुआई में पंजाब सरकार रोजाना लोकहित में फैसले ले रही है। साथ ही पिछली सरकारों द्वारा की गई ठगी, लूट-खसूट और घोटाले उजागर कर रही है।
प्रताप बाजवा पंजाब और सरकार के हक में खड़े हों
मालविंदर कंग ने कहा कि प्रताप बाजवा की जिम्मेदारी यह बनती थी कि वह केंद्रीय संगठनात्मक ढांचे की बात करते, राज्य के अधिकारों की बात करते। आज पंजाब की चुनी सरकार के बीच गवर्नर किंतु-परंतु करते हैं, ऐसे में उन्हें सरकार व पंजाब के हक में खड़ा होना चाहिए थे। कंग ने कहा कि गवर्नर को सीधे तौर पर चुनी हुई सरकार पर सीधे तौर पर दखलअंदाजी का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की है कि गवर्नर को राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
PWD मंत्री रहते समय घोटाले वाली सड़क का उद्धाटन
प्रताप सिंह बाजवा गवर्नर के पक्ष में खड़े दिखते हैं। CM मान ने टोल प्लाजा के जिस घोटाले से पर्दा उठाया, उसकी आड़ में पंजाब के लोगों से सीधे तौर पर करीब 300 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी पंजाब से हुई है। यह सड़क चंडीगढ़ से प्रताप बाजवा के घर को जाती थी और PWD मंत्री होने के नाते इन्होंने उस सड़क की शुरूआत कराई थी। 123 करोड़ रुपए का ठेका दिया गया और प्रताप बाजवा बतौर PWD 49 करोड़ रुपए की सब्सिडी उन्हें दे देते हैं।
प्रताप बाजवा ने उठाए यह सवाल
नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि भगवंत मान को CM पद की शपथ पंजाब गवर्नर ने दिलवाई और अब वह उन्हें ही संवैधानिक तौर पर हेड मानने से इनकार करते हैं। मान कहते हैं कि वह इलेक्टड हैं और गवर्नर सिलेक्टिड हैं। बाजवा ने कहा कि अब पंजाब विधानसभा के सेशन की मंजूरी भी गवर्नर को ही देनी है। लेकिन CM मान गवर्नर को हेड ही नहीं मानते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय केंद्र में अन्य सरकारें रहीं लेकिन गवर्नर से सदैव अच्छे संबंध बनाए रखे गए।
बाजवा ने कहा कि पंजाब के प्रशासनिक संबंध में जब कभी गवर्नर के संज्ञान में कोई मामला लाया जाता है तो वह उस संबंध में सवाल पूछ सकते हैं और सरकार को जवाब देना पड़ता है। उन्होंने कहा कि गवर्नर द्वारा भेजे गए लेटर में एक चिट्ठी उनकी लिखी है। उन्होंने नवल अग्रवाल का हवाला देते हुए कहा कि जो सरकार द्वारा नियुक्त ही नहीं किया गया, वह चीफ सेक्रेट्री के साथ कैसे बैठ सकता है, उसकी फोटोज गवर्नर को दी गई हैं। बाजवा ने सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा घटाने की सूचना को सार्वजनिक करने के मामले को दोहराया।