चंडीगढ़, 26 अक्टूबर (The News Air) श्री आनंदपुर साहिब से सांसद और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश महासचिव मालविंदर सिंह कंग ने पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिहाड़े को समर्पित सेमिनार आयोजित करने की इजाजत रद्द करने की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने इस फैसले को “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” और “दुखद” करार देते हुए यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर से तुरंत इस मामले में दखल देने और इजाजत बहाल करने की मांग की है।
यहां जारी एक प्रेस बयान में, मालविंदर सिंह कंग, जो खुद पंजाब यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र, दो बार के स्टूडेंट काउंसिल अध्यक्ष और पूर्व सीनेट सदस्य रह चुके हैं, ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब की शहादत सिर्फ सिख कौम के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए है। उन्होंने कहा, “गुरु साहिब की शहादत बेमिसाल और लासानी है। उन्होंने सिर्फ धर्म की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि इस देश की संस्कृति और मानवता को बचाने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया।”
सांसद कंग ने सीधा आरोप लगाया कि पीयू प्रशासन ने यह फैसला दिल्ली में बैठे अपने “आकाओं” के दबाव में लिया है। उन्होंने कहा, “मुझे पता है कि वाइस चांसलर साहिब पर दिल्ली से दबाव है। केंद्र की बीजेपी सरकार नहीं चाहती कि गुरु साहिब की शहादत का इतिहास और प्रेरणादायक विरासत युवा पीढ़ी तक पहुंचे।” उन्होंने कहा कि एक तरफ देश ‘हिंद की चादर’ की कुर्बानी को याद कर रहा है, दूसरी तरफ पंजाब की अपनी यूनिवर्सिटी में उनके इतिहास पर चर्चा करने से रोका जा रहा है।
कंग ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें छात्रों से पता चला है कि प्रशासन ने यह इजाजत 27 अक्टूबर को होने वाले सेमिनार में प्रख्यात सिख विद्वान और चिंतक सरदार अजमेर सिंह की भागीदारी के कारण रद्द की है, जिन्हें विवादास्पद कहा जा रहा है। कंग ने इस तर्क को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सरदार अजमेर सिंह पिछले तीन दशकों से अधिक समय से सार्वजनिक जीवन में हैं, उन पर कोई केस नहीं है और वह देश-विदेश के विश्वविद्यालयों में बोलते रहे हैं। उन्हें रोकना सीधे तौर पर अकादमिक स्वतंत्रता पर हमला है।
उन्होंने कहा कि यह इतिहास तो हमें अपने सिलेबस में पढ़ाना चाहिए ताकि युवा इससे प्रेरणा लेकर बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकें। लेकिन पंजाब की धरती पर बनी यूनिवर्सिटी में ही गुरु साहिब के इतिहास को बयां करने से रोका जा रहा है। उन्होंने इसे शहीद भाई जसवंत सिंह खालड़ा की तस्वीर हटाने जैसी घटनाओं की कड़ी का हिस्सा बताया, जो पंजाब के युवाओं और सिख विरासत की आवाज को दबाने की कोशिश है।
सांसद मालविंदर कंग ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में वाइस चांसलर प्रो. रेनू विज्ज को एक औपचारिक चिट्ठी भी लिखी है। उन्होंने मांग की कि वीसी बिना किसी राजनीतिक दबाव के, तुरंत छात्रों को ‘हिंद की चादर’ की लासानी कुर्बानी को समर्पित यह सेमिनार आयोजित करने की इजाजत दें। उन्होंने कहा कि सारी दुनिया गुरु साहिब की कुर्बानी को मानती है, यूनिवर्सिटी को यह छोटी सोच छोड़कर तुरंत इजाजत बहाल करनी चाहिए।






