AAP Leader Trolley Theft Scandal Nabha : पंजाब की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है। किसानों के हकों की बात करने वाली सरकार के ही एक नेता पर गंभीर आरोप लगे हैं। नाभा में एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां नगर काउंसिल के ईओ (EO) की सरकारी कोठी के अंदर जमीन में दबाया गया चोरी का सामान बरामद हुआ है। यह सामान शंभू मोर्चे से चोरी हुई किसानों की ट्रॉलियों का बताया जा रहा है, जिसे जेसीबी (JCB) मशीन से खुदाई करके बाहर निकाला गया।
इस घटना ने प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस सरकारी आवास में यह ‘पाप’ छिपाया गया था, उस पर आम आदमी पार्टी (AAP) के एक नेता का अवैध कब्जा बताया जा रहा है।
सरकारी कोठी बनी ‘चोरों का अड्डा’
मंगलवार को मिली गुप्त सूचना के आधार पर किसानों ने नाभा के ईओ की कोठी का घेराव किया था। इसके बाद बुधवार को तहसीलदार अंकुश कुमार और पटियाला सीआईए (CIA) स्टाफ की मौजूदगी में कोठी के बगीचे में जेसीबी चलवाई गई। जैसे ही जमीन खोदी गई, वहां से 3-4 ट्रॉलियों का कटा हुआ सामान, लोहे के हिस्से और अन्य उपकरण बरामद हुए।
हैरानी की बात यह है कि यह कोठी कागजों में तो ईओ गुरचरण सिंह के नाम पर अलॉट थी, लेकिन वहां हकीकत में ‘पंकज पप्पू’ नाम का एक व्यक्ति रह रहा था। पंकज पप्पू आम आदमी पार्टी का नेता है और नाभा नगर काउंसिल की पूर्व प्रधान सुजाता चावला का पति है।
पुलिस पर राजनीतिक दबाव के आरोप
इस मामले ने पुलिस की भूमिका को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। सीनियर पत्रकार जगतार सिंह भुल्लर के मुताबिक, पंकज पप्पू पर पहले से ही ट्रॉली चोरी के दो मामले दर्ज हैं, लेकिन इसके बावजूद उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। उलटा, वह मजे से एक सरकारी कोठी में रह रहा था और वहां चोरी का सामान छिपा रहा था।
किसानों का आरोप है कि पुलिस और सिविल प्रशासन पूरी तरह से सत्ताधारी नेताओं के दबाव में है। यही कारण है कि एक नामजद आरोपी खुलेआम घूम रहा था और सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग कर रहा था। अब जब जमीन फाड़कर सच बाहर आया है, तो प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं।
ईओ की सफाई: ‘मैं तो दबाव में था’
मामला तूल पकड़ता देख ईओ गुरचरण सिंह ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने मीडिया को बताया कि यह कोठी रहने लायक नहीं थी, इसलिए वे अपने गांव में रहते थे। लेकिन पंकज पप्पू ने वहां जबरन अपना दफ्तर बना रखा था। ईओ ने दावा किया कि काउंसिल प्रधान के पति होने के नाते पप्पू का इतना रसूख था कि उनके खिलाफ बोलने पर ईओ के खिलाफ ही प्रस्ताव डाल दिए जाते थे। पप्पू को रोकने के लिए कई बार उच्च अधिकारियों को लिखा गया, लेकिन राजनीतिक रसूख के आगे किसी की नहीं चली।
जानें पूरा मामला
शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन (Shambhu Morcha) के दौरान किसानों की कई ट्रॉलियां चोरी हो गई थीं। किसान लंबे समय से आरोप लगा रहे थे कि यह काम सरकार के इशारे पर हो रहा है। हाल ही में मिली सूचना के बाद यह खुलासा हुआ कि चोरी की गई ट्रॉलियों को काटकर नाभा की इस सरकारी कोठी में दबा दिया गया था ताकि सबूत मिटाए जा सकें। अब इस बरामदगी ने किसानों के आरोपों को पुख्ता कर दिया है कि ‘रक्षक ही भक्षक’ बन गए हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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नाभा में ईओ की सरकारी कोठी से चोरी की ट्रॉलियों का सामान बरामद।
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जेसीबी से खुदाई के बाद जमीन में दबे मिले ट्रॉलियों के हिस्से।
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कोठी पर AAP नेता पंकज पप्पू का कब्जा था, जिस पर पहले से चोरी के केस हैं।
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किसानों ने प्रशासन और सरकार पर मिलीभगत और सबूत मिटाने का आरोप लगाया।






