चंडीगढ़, 30 सितंबर (The News Air) आम आदमी पार्टी (आप) के सीनियर प्रवक्ता नील गर्ग ने विपक्ष के नेता और कांग्रेसी लीडर प्रताप सिंह बाजवा द्वारा विधान सभा के विशेष सत्र के दौरान दिए गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। गर्ग ने कहा कि जब पंजाब सदी की सबसे भयानक बाढ़ का सामना कर रहा था, उस समय बाजवा जी लोगों के साथ खड़े होने की बजाय अपने निजी व्यापारिक हितों की पूर्ति के लिए सरकारी अधिकारियों पर दबाव बना रहे थे।
मंगलवार को पार्टी दफ्तर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नील गर्ग ने कहा कि यह बड़े ही अफसोस की बात है कि इस नाज़ुक समय में जब विपक्ष के नेता को सरकार के साथ खड़े होकर केंद्र से 20,000 करोड़ रुपये के मुआवज़े की मांग करनी चाहिए थी, तब बाजवा ने उल्टा पंजाब सरकार पर ही सवाल उठाने शुरू कर दिए और बाढ़ को ‘मैन-मे़ड’ (Man-made) कह कर दोष मढ़ने की कोशिश की।
नील गर्ग ने बताया कि बाढ़ के कारण हुई भयंकर तबाही पर विचार करने के लिए 26 से 29 सितंबर तक पंजाब विधान सभा का विशेष सत्र बुलाया गया था। इस तबाही में करीब 5 लाख एकड़ खड़ी फसल बर्बाद हुई, 2305 गांव तबाह हो गए, 60 लोगों की मौत हुई और हजारों करोड़ों का नुकसान हुआ।
नील गर्ग ने प्रताप सिंह बाजवा को घेरते हुए कई सवाल पूछे और कांग्रेस लीडरशिप से भी जवाब की मांग की। उन्होंने पूछा “बाजवा जी आपने 15 जुलाई 2025 को अपनी पत्नी के नाम पर गुरदासपुर जिले के गाँव फुलड़ा (हदबस्त नंबर 125) में ब्यास दरिया के नज़दीकी क्षेत्र के अंदर 16 कनाल और 10 मरले ज़मीन क्यों खरीदी? क्या आपको पहले पता था कि हर साल यहाँ मानसून में आने वाली मिट्टी (रेत) से आप ‘माइनिंग’ का कारोबार करेंगे? जहाँ लोग बाढ की मार झेल रहे हैं, वहाँ आपने इसे कारोबार का ‘अवसर’ क्यों बनाया?”
गर्ग ने कहा कि सत्ता में होते हुए बाजवा ने गाँव (गुरदासपुर) में 2016-17 में, अपने बेटे और पत्नी के नाम पर 185 कनाल और 4 मरले ज़मीन खरीदी थी। उस समय जब किसानों को मुआवज़ा नहीं मिल रहा था, कांग्रेस सरकार ने बाजवा के निजी हितों के लिए उस ज़मीन पर 1 करोड़ 18 लाख रुपये खर्च करके ‘स्टोन स्टड’ (पत्थरों की दीवारें) क्यों लगवाए? क्या लोगों के टैक्स का पैसा निजी जायदाद को बचाने के लिए इस्तेमाल करना जायज़ है?”
आप नेता ने आगे कहा कि जब पंजाब के लोग बाढ़ से जूझ रहे थे, उस समय प्रताप सिंह बाजवा अधिकारियों और मंत्रियों पर दबाव डाल रहे थे कि वे उनकी प्राइवेट ज़मीन के आस-पास फिर से ‘स्टोन स्टड’ लगाने के लिए सरकारी खज़ाने में से पैसा खर्च किया जाए। उन्होंने पूछा कि जब पंजाब को केंद्र से मदद की ज़रूरत थी, आपने लोगों की बजाय अपने निजी हितों को पहल क्यों दी? यह तो ‘मुंह में राम-राम, बगल में छुरी’ वाली बात है!
गर्ग ने कहा कि बाजवा को इन सवालों का जवाब देना चाहिए और कांग्रेस पार्टी की लीडरशिप को भी अपनी दोहरी नीति के बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।






