शिरोमणी अकाली दल को शिकार बनाने के लिए चापलूस अधिकारी द्वारा की राजनीतिक जांच के लिए मुख्यमंत्री तथा उनके कैबिनेट सहयोगियों के इस्तीफे की मांग की
पंजाब ब्यूरो
चंडीगढ़, 26 अप्रैल
शिरोमणी अकाली दल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ साथ उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों की दुर्भाग्यपूर्ण घटना का राजनीतिक जांच का नेतृत्व करने के लिए तत्काल इस्तीफे की मांग की, जिसके निष्कर्षों को हाईकोर्ट ने दुर्भावनापूर्ण, तर्कहीन तथा बेतुका करार दिया था।
यहां एक प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि इस मामले में चार्जशीट तैयार करने के लिए मीटिंग करने वाले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के अलावा नवजोत सिंह सिद्धू, सुखजिदंर रंधावा, तृप्त बाजवा, कुशलदीप सिह ढ़िल्लों शामिल हैं। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री तथा कैबिनेट मंत्रियों को जहां तुरंत कागजात लगाने चाहिए , वहीं मामले पर राजनीति करने वाले सभी नेताओं के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
बिक्रम मजीठिया ने कहा कि पूर्व आईजी कुवंर विजय प्रताप को मुख्यमंत्री तथा उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने चुना था। उन्होने कहा कि जब यह सिट बनाई गई तब नवजोत सिद्धू गठबंधन का हिस्सा थे तथा श्रीमती नवजोत कौर सिद्धू मुख्य संसदीय सचिव थी। उन्होने कहा कि इसके बावजूद वे अब इस मुददे पर राजनीति कर रहे हैं। ‘कैबिनेट मंत्रियों और अन्य नेताओं ने भी भी दागी पुलिस अधिकारी के साथ मीटिंगें की ताकि एसआईटी को इस मामले में काम करने के बजाय शिरोमणी अकाली दल को फंसाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सके।
मजीठिया ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता हरपाल चीमा भी कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि शिरोमणी अकाली दल को निशाना बनाया जा सके तथा साथ ही हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद, पूर्व आई जी कुवंर विजय प्रताप का सरंक्षण किया जा रहा है। उन्होने कहा कि इससे पहले भी आप ने एस.आई. टी से पुलिस अधिकारी के तबादल की समीक्षा की मांग के लिए अप्रैल 2019 में चुनाव आयोग से भी संपर्क करके पूर्व आईजी के बचाव के लिए कांग्रेस के साथ मिलीभगत की थी।
अकाली नेता ने सुखपाल खैहरा तथा बलजीत सिंह दादूवाल जैसी पृथक ताकतों के प्रयासों की भी निंदा की कि वे धन तथा राजनीति के लिए पंथक एकता के नाम पर राज्य का माहौल खराब करने के लिए एक साथ हो रहे हैं।
इस बात पर जोर देते हुए कि कांग्रेस-आप पार्टी की साजिश को गुरु जी ने उजागर कर दिया है। मजीठिया ने कहा कि ‘ इन पार्टियों ने गुरु के नाम पर राजनीति की और यह गुरु साहिबान ही हैं जिन्होने इसे अब बेनकाब किया है और भविष्य में भी उन्हे बेनकाब करते रहेंगे। मैं यह भी प्राथना करता हूं कि इस मुददे पर राजनीति करने वालों का कुछ भी न रहे।
कुंवर विजय को लेकर शिरोमणी अकाली दल के नेता ने कहा कि पूर्व अधिकारी ने दावा किया था कि ‘उन्होने ऐसी चार्जशीट की है जो भारत में पहले कभी तैयार नही हुई’। ‘यह सच है क्योंकि आने वाले समय में पुलिस अकादमियां कुंवर विजय प्रताप का उदाहरण देंगी ताकि कैडेटों को चेतावनी दी जा सके कि जांच कैसे न की जाए’। उन्होने कहा कि उच्च न्यायालाय के पूर्व आईजी के खिलाफ तीस बार याचिकाएं पारित की थी जो अभूतपूर्व हैं। उन्होने कहा कि इससे पहले भी उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने कुंवर विजय प्रताप पर 5 हजार रूपये का जुर्माना लगाया था, इसके अलावा एक सिविल मामले को आपराधिक मामले में तबदील करने के लिए माफी मांगने को कहा था।
मजीठिया ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री परकाश सिंह बादल ने बहबलकलां पुलिस फायरिंग मामले में ग्यारह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने चालान से सात पुलिस अधिकारियों के नाम बाहर कर दिया था। उन्होने कहा कि अकाली दल के नेतृत्व वाली सरकार ने उन्हे हटाने के लिए पुलिस प्रमुख के साथ अपनी नाराजगी भी जताई थी।
मजीठिया ने सरकार की इस बात की भी निंदा की कि वह कोविड की समस्या तथा खरीद केंद्रों पर बारदाने की कमी से निपटने में विफल रहे हैं। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री नीरों की तरह गहरी नींद में सो रहे हैं तथा कोविड संकट से निपटने के लिए बेहद आवश्यक आॅक्सीजन के साथ साथ दवाएं उपलब्ध कराने के लिए जागने की जरूरत है। उन्होने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराने में नाकाम रही है, जिसके कारण कोविड से मरने वालों की संख्या नियंत्रण से बाहर हो रही है। उन्होने कहा ,’ अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह शासन करने में नाकाम हो रहे हैं तो उन्हे तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।