नई दिल्ली, 11 नवंबर (The News Air) आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को एलएनजेपी जाकर लाल किला के पास हुए बम ब्लास्ट में घायल और मृतकों के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उनका दुख साझा किया। इस दौरान पीड़ित परिवारों ने बताया कि अस्पताल में भारी अव्यवस्था है। उन्हें मृतकों के शव ले जाने के लिए एलबुलेंस तक नहीं दी जा रही है। पीड़ितों को हो रही परेशानियों को लेकर सौरभ भारद्वाज ने भाजपा सरकार को आड़े हाथ हुए कहा कि सरकार ने मृतकों को ले जाने के लिए एम्बुलेंस तक न देकर इंसानियत को शर्मसार कर दिया। एलएनजेपी अस्पताल में ही केंद्रीय गृहमंत्री आए, सीएम आईं और परिजनों को बड़े-बड़े उपदेश दिए। मृतकों के परिवार को संवेदना, दुख की घड़ी में सरकार साथ खड़ी है। यह सब भाजपा के डायलॉग हैं।
सौरभ भारद्वाज के साथ एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे प्रतिनिधि मंडल में “आप” विधायक दल के चीफ व्हिप संजीव झा, पूर्व मंत्री इमरान हुसैन, विधायक कुलदीप कुमार समेत अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इस दौरान सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब भी कोई बड़ी दुर्घटना होती है, सरकार के बड़े-बड़े नेता एक्स, व्हाट्सऐप और फेसबुक पर लिखते हैं कि दिवंगत आत्माओं को हमारी गहरी संवेदनाएं, ईश्वर परिवार को दुख सहने की शक्ति दे, घायलों को शीघ्र स्वस्थ करे। लेकिन ये संवेदनाएं सिर्फ टाइप करने के लिए नहीं होनी चाहिए। अगर सरकार दिल से सोचे तो समझ आएगा कि जब किसी के घर का सदस्य मर जाता है और वे सिर्फ संवेदना टाइप करके भेज देते हैं, उसकी कोई कीमत नहीं रह जाती, खासकर तब जब सरकार उस परिवार को अपने प्रियजन की लाश तक ले जाने के लिए एंबुलेंस भी न दे सके।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलएनजेपी अस्पताल दिल्ली का सबसे बड़ा अस्पताल है, जहां खुद केंद्रीय गृह मंत्री आकर कहते हैं कि सब ठीक चल रहा है, मुख्यमंत्री आकर कहती हैं कि सब ठीक चल रहा है। लेकिन जिस गरीब परिवार का सदस्य मारा गया, जो फोन आते ही बिना पर्स, मोबाइल या पैसे देखे दौड़ा-भागा यहां पहुंचा, उसे कहा जा रहा है कि लाश तो पड़ी है, एंबुलेंस का इंतजाम खुद कर लो।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस सरकार के पास एंबुलेंस नहीं है। यही सरकार तालिबान को एंबुलेंस दे सकती है, लेकिन अपने देश के उन लोगों को एंबुलेंस नहीं दे सकती, जिन्हें अपने प्रियजन का शव घर ले जाना है। यह बेहद दुखद और गलत है। सरकार को इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए।
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि हमने अस्पताल प्रशासन से भी कहा है कि कम से कम घायलों को छुट्टी देते समय एंबुलेंस जरूर दी जाए। एंबुलेंस की कोई कमी नहीं है। जब मंत्री और मुख्यमंत्री जाते हैं तो उनके साथ एंबुलेंस की लाइन लगी रहती है। प्रधानमंत्री का कार्यक्रम होता है तो सैकड़ों एंबुलेंस तैनात कर दी जाती हैं। फिर एक मृत शरीर को घर पहुंचाने के लिए एक एंबुलेंस क्यों नहीं दी जा सकती?
सौरभ भारद्वाज ने एक्स पर एक वीडियो साझा कर कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक बात है कि दिल्ली सरकार के एलएनजेपी अस्पताल में बम ब्लास्ट में घायल व मृत लोगों की के लिए सरकार एम्बुलेंस नहीं नहीं दे सकती और पत्रकारों को भगाया जा रहा है । सब डायलॉग हैं – मृतकों के परिवार को संवेदना, हम परिवारों के साथ हैं, दुख की घड़ी में सरकार साथ खड़ी है, ईश्वर परिवार को दुख सहने की शक्ति दे। उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा कि इस अस्पताल में देश के गृह मंत्री आए , फिर मुख्यमंत्री आई और मृतकों के परिवारों को गहरी संवेदना के बड़े बड़े उपदेश दिए, मगर लाश ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं है। सारी तालिबान को एम्बुलेंस दे दी?






