– पीएम मोदी जब मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने एक डॉलर की कीमत 59 रुपए होने पर तत्कालीन सरकार पर खूब हमला बोला था- प्रियंका कक्कड़
– स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने भी कहा था कि जब रुपए की कीमत गिरती है तो देश की प्रतिष्ठा भी गिरती है- प्रियंका कक्कड़
– भारतीय रुपए की डिमांड लगातार कम हो रही है, क्योंकि भारत बड़े पैमाने पर विदेशों से आयात करता है, निर्यात नहीं- प्रियंका कक्कड़
– केंद्र ने रुपए में रूस से व्यापार करने की बात कही थी, लेकिन आज भी भारत दिरहम या चीनी युआन में सामान खरीदता है- प्रियंका कक्कड़
– भारत विदेशों की डिमांड का कोई नया सामान नहीं बना रहा है, मोदी सरकार का मेक इन इंडिया हेडलाइन मैनेजमेंट बन कर रह गया- प्रियंका कक्कड़
– रुपए की कीमत तभी बढ़ेगी, जब भारत मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा, लाइसेंस राज खत्म होेगा और इज ऑफ डूइंग बिजनेस का नारा सच होगा- प्रियंका कक्कड़
नई दिल्ली, 22 अगस्त (The News Air) :डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए की कीमत में और गिरावट आने पर मंगलवार को आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर निशाना साधा। ‘‘आप’’ की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि देशवासियों के लिए यह बहुत चिंता की बात है कि भारतीय करेंसी की कीमत और गिर गई है। आज एक डॉलर 83.13 रुपए का हो गया है। उन्होंने कहा कि जब पीएम नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री हुआ करते थे और एक डॉलर 59 रुपए का हो गया था, तब उन्होंने तत्कालीन केंद्र सरकार जमकर हमला बोला था। स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने भी कहा था कि जब रुपए की कीमत गिरती है तो देश की प्रतिष्ठा भी गिरती है। लेकिन आज भाजपा को इससे कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीय करेंसी की डिमांड लगातार कम हो रही है, क्योंकि हम भारी मात्रा में सामान विदेशों से खरीद रहे हैं। भारतीय रुपए की कीमत तो तभी बढ़ेगी, जब भारत मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा, व्यापारियों को लाइसेंस राज से मुक्ति मिलेगी और इज ऑफ डूइंग बिजनेस का नारा सच साबित होगा।
आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ी ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि आम आदमी पार्टी का मानना है कि भारत का मुकाबला और बराबरी विकसित देशों से होनी चाहिए। आज एक यूएसडी की कीमत चीन के 7.02 यूआन के बराबर है। जबकि एक यूएसडी की कीमत 83.13 भारतीय रुपए के बराबर पहुंच गया है। यह अब तक का सबसे खराब आंकड़ा है। यह सिर्फ उन लोगों के लिए चिंता का विषय नहीं है, जो अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए विदेश भेजना चाहते हैं, बल्कि यह देश के हर नागरिक से जुड़ा मसला है। इससे देश की प्रतिष्ठा कम होती है।
प्रावक्ता प्रियंक्का कक्कड़ ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे, तब वो गिरते भारतीय रुपए को लेकर लगातार हमलावर रहते थे। जब एक डॉलर 59 रुपए के बराबर था, तब नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इसके अलावा, स्वर्गीय सुषमा स्वराज जी का भी मानना था कि जैसे-जैसे देश की करेंसी गिरती है, वैसे-वैसे देश की प्रतिष्ठा भी कम होती है। दिसंबर 2022 में कहा गया कि भारत की करेंसी एशिया की वर्स्ट परफॉर्मिंग करेंसी (सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा) है और आज यह आंकड़ा और गिरकर 83.13 पर पहुंच गया है।
प्रावक्ता प्रियंक्का कक्कड़ ने एक उदाहरण के जरिए बताया कि रुपए की कीमत गिरने से देश की प्रतिष्ठा कैसे कम होती है? उन्होंने कहा कि बीते वर्ष जब एकनाथ शिंदे गुट को पहले गुजरात और फिर असम ले जाया गया। इसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा में लगातार ‘50 खोखे-नॉट ओके’ के नारे लग रहे थे, तो उस वक्त भाजपा ने कहा था कि रूस और भारत के बीच अब भारतीय करेंसी में व्यापार होगा। आज सच्चाई यह है कि भारत, रूस से सबसे ज्यादा क्रूड ऑयल और हथियार खरीदता है और इसकी कीमत भारतीय रुपए में करने के बजाय दिरहम या युआन में दे रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि भारतीय करेंसी की कीमत इतनी गिर चुकी है कि इसकी मांग बहुत कम है। भारतीय करेंसी के गिरने की वजह ये है कि हम लगातार विदेशों से आयात तो कर रहे हैं, लेकिन दूसरे देशों को निर्यात नहीं कर रहे हैं। इसका यह मतलब है कि भारत के पास ऐसा कोई सामान मैन्युफैक्चर नहीं हो रहा है, जिसका विदेश में मांग हो।
‘‘आप’’ की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि मेक इन इंडिया का कैंपेन मात्र हेडलाइन मैनेजमेंट के तहत चलाया गया था। मेक इन इंडिया के तहत भारत में कोई भी मैन्युफैक्चरिंग हब नहीं बना। ऐसे में भारतीय रुपए की कीमत कैसे बढ़ेगी और भारत में निवेशक कैसे आएंगे? यह तभी संभव होगा, जब भारत मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा और अपना सामान विदेशों में बेच पाएगा। यह तब हो पाएगा, जब व्यापारियों को लाइसेंस राज से मुक्ति मिलेगी और वो भारत में सामान बना पाएंगे। इसलिए व्यापारियों के लिए इज ए डूइंग बिजनेस सिर्फ एक नारा नहीं होना चाहिए। भारत में यह तब मुमकिन हो पाएगा जब भारत में सस्ती और अच्छी शिक्षा होगी, ताकि हमारे बच्चे नए आविष्कार के बारे में सोच पाएं और देश में पेटेंट के रजिस्ट्रेशन बढ़ेंगे। इसके लिए देश में अच्छी यूनिवर्सिटी होनी जरूरी है, ताकि विदेश के लोग अपना डॉलर खर्च कर अच्छी शिक्षा के लिए भारत आने लगेंगे। जब गांव-गांव में अच्छे अस्पताल होंगे, तो विदेश के लोग डॉलर खर्च कर अच्छी व सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आएंगे।
‘‘आप’’ की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि अभी भाजपा सरकार बेरोजगारी और जॉब तैयार करने की बात पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। इनका समाधान करना तो बहुत दूर की बात है। मंगलवार को भाजपा शासित महाराष्ट्र के कृषि मंत्री जब प्याज की बढ़ती कीमतों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने प्याज खाना छोड़ देने की नसीहत दे डाली। जब तक केंद्र में कम पढ़ी-लिखी सरकार है, जो लोगों के प्रति संवेदनहीन है और गिरते रुपए की कीमत पर ये कह कर निकल जाती है कि डॉलर बढ़ रहा है, रुपया नहीं गिर रहा है, तब तक देशवासियों को महंगाई की मार झेलनी पडेगी।