Bittu Bajrangi: हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए गौरक्षक समूह के प्रमुख बिट्टू बजरंगी को गिरफ्तार कर लिया है। बिट्टू बजरंगी को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया।बिट्टू को एक दिन की रिमांड पर भी भेज दिया है। आज हम आपको बिट्टू से जुड़े 5 फैक्ट्स के बारे में बताएंगे।
1.बिट्टू बजरंगी खुद को गौरक्षक समूह का प्रमुख बताता है। इसके साथ ही नूंह हिंसा में हिंसा भड़काने का आरोपी माना जा रहा है।
2.इसके साथ ही बिट्टू बजरंगी मोनू मानेसर का सहयोगी है। जिस पर बिट्टू बजरंगी के साथ हिंसा भड़काने का आरोपी माना जा रहा है। मोनू मानेसर पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के बाद भी सोशल मीडिया पर लगातार भड़काऊ बयान पोस्ट कर रहा है।
3.एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की माने तो बिट्टू बजरंगी और उसके साथियों ने जुलूस के दौरान हथियार लहराये, जिस पर भीड़ ने हमला कर दिया। पुलिस ने हथियार जब्त कर लिए थे, लेकिन बजरंगी और उसके सहयोगियों ने कथित तौर पर पुलिस वाहन पर हमला किया और उन्हें वापस छीन लिया। पुलिस अधिकारी का कहना है कि उसने पुलिस को भी धमकी दी।
4.बिट्टू बजरंगी और कम से कम 15 अन्य के खिलाफ एफआईआर में दंगा, गैरकानूनी सभा, एक लोक सेवक को कर्तव्य निभाने से रोकने, सशस्त्र डकैती और धमकी देने का आरोप लगाया गया है। उस पर शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों के तहत भी आरोप लगाए गए हैं।
5. एक टीवी चैनल से बात करते हुए बिट्टू ने हिंसा का दोष पुलिस को दिया था। साथ ही वह अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करता रहा और उसने कहा कि अगर उसके बयानों से दंगा भडका तो दूसरे पक्ष के लोग पहले से हथियार के साथ कैसे लैस थे। हालांकि उसने यह जरूर स्वीकार किया कि जुलूस में लोगों के पास तलवारें और बंदूकें थीं। उसने सफाई भी देते हुए कहा कि तलवारें धार्मिक अनुष्ठानों के लिए थीं और बंदूकों को लाइसेंस दिया गया था। जब उससे पूछा गया कि आरोप है कि उसके भड़काऊ वीडियो की वजह से हिंसा हुई तो उसने कहा कि अगर ऐसा है तो मुसलमान पहले से ही हथियारबंद कैसे थे।