चंडीगढ़, 1 जुलाई (The News Air)
पंजाब की राजनैतिक उथल -पुथल के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत लगभग सभी विधायक और मंत्री दिल्ली में कांग्रेस हाई कमांड के समक्ष पेश हुए हैं, अंत में पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी दिल्ली गए और पहले कांग्रेस की महा सचिव प्रियंका वाड्रा के साथ मुलाक़ात की। इसके बाद वह कांग्रेस प्रधान सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ भी मिले।
सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में जहां पंजाब के कांग्रेसी नेता सिद्धू को अन्य कांग्रेसी नेताओं की तुलना में वीआईपी ट्रीटमेंट मिलने से अंदर ही अंदर नाराज़ हैं, वहीं कांग्रेस हाई कमांड सिद्धू को अब एक बड़ी ज़िम्मेदारी सौंप सकती है। पंजाब के एक हिंदी अख़बार की एक रिपोर्ट के अनुसार सिद्धू को हाईकमान कैंपेन समिति का इंचार्ज या उम्मीदवारों को टिकटें देने यानि चयन समिति में भी शामिल कर सकती है।
सिद्धू मंगलवार को राहुल गांधी को मिलने पहुंचे थे, उनकी मुलाक़ात नहीं हुई। जिसको पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने कई अर्थ निकालने शुरू कर दिए थे। प्रियंका के बुधवार को सक्रिय होने से ही पंजाब की राजनीति के नए समीकरण सामने आए।
सिद्धू को वीआईपी ट्रीट मिलने से नाराज़ कांग्रेसी नेता मानते हैं कि सिद्धू विधायक हैं, परन्तु दूसरे विधायकों को नज़र अंदाज़ करना और उनको वीआईपी ट्रीटमेंट देना ठीक नहीं है। कुछ कांग्रेसी नेता यह भी कहते हैं कि हाई कमान को टकसाली कांग्रेसियों के साथ भी बातचीत करनी चाहिए। पूर्व क्रिकेटर की हाईकमान के साथ मुलाक़ात के बारे में पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि वह चाहते हैं कि कांग्रेस के नेताओं के बीच मतभेद ख़त्म होने चाहिएं। उन्होंने बताया कि उनको अभी तक कांग्रेस हाईकमान ने नहीं बुलाया है। जाखड़ ने कहा कि उम्मीद है कि 2022 के चुनाव से पहले कांग्रेस के आपसी मसले हल हो जाएंगे।
अकाली दल के प्रधान सुखबीर ने सिद्धू को ‘मिस गाईड मिज़ाईल ’ कहा है, उन्होंने कहा है कि यह मिज़ाईल कहीं भी चल सकती है, जिस के जवाब में सिद्धू ने कहा कि वह मिसगाईड नहीं और वह निशाने पर हमला करते हैं। उनका लक्ष्य सुखबीर के ‘भ्रष्ट कारोबार’ को ख़त्म करना है।
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