जालंधर (The News Air) विजीलैंस लगातार होशियारपुर से पूर्व कांग्रेस मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा पर शिकंजा कसती जा रही है। पहले विजीलैंस के अधिकारियों को 50 लाख रुपए की रिश्वत देने के मामले में पकड़ा फिर उन पर इंडस्ट्रियल प्लॉट घोटाले का केस चल पड़ा। अभी इन दो मामलों से छुटकारा भी नहीं हुआ था कि अब विजीलैंस उनकी कोठी की पैमाइश करने पहुंचने गई है।
विजीलैंस को कोठी में भी भ्रष्टाचार का पैसा लगा होने की बू आ रही है। विजीलैंस की टीम ने फीता पकड़ कर सारे घर की पैमाइश की है। यहां तक कि घर में कौन-कौन सी महंगी चीज लगी है इसकी भी एक फेहरिस्त तैयार की है। विजीलैंस ने रसोई से लेकर बाथरूम-बैडरुम मे प्लोर से लेकर छत कर सारी चीजें नोट की है।
बता दें कि इंडस्ट्रियल प्लॉट घोटाले और 50 लाख रुपए की रिश्वत देने के मामले फंसे पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने होशियारपुर में महलनुमा घर मंत्री बनने के बाद बनाया था। विजीलैंस अब इस संपत्ति को भी घोटालों और भ्रष्टाचार की कमाई से जोड़ने जा रही है।
घर के अंदर जांच करते और वीडियो बनाते विजीलेंस के अधिकारी
पिछले महीने किया था प्लॉट घोटाले में गिरफ्तार
विजीलैंस ब्यूरो ने 50 लाख रिश्वत देने के मामले में रोपड़ जेल में बंद पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा को पिछले महीने प्रोडक्शन वारंट पर लाकर इंडस्ट्रियल प्लॉट घोटाले में गिरफ्तार किया था। विजीलैंस ने पूर्व मंत्री को प्लॉट घोटाले पकड़े गए आठ अन्य आरोपियों के सामने बैठा कर पूछताछ की थी। मोहाली कोर्ट से विजीलैंस ने पूर्व मंत्री का एक दिन का रिमांड लिया था।
फाइल से असल पन्ने कर दिए थे गायब
विजीलैंस मोहाली इंडस्ट्रियल एरिया फेज-नौ स्थित उस जगह की जांच कर रही है जो गुलमोहर रियल एस्टेट कंपनी को कांग्रेस शासन के दौरान टाउनशिप बनाने के लिए दे दी थी। इस मामले में तत्कालीन कार्यकारी डायरेक्टर एसपी सिंह भी विजिलेंस के शिकंजे में हैं।
टाउनशिप के लिए जो फाइल बनाई गई थी और अप्रूव हुई थी उसमें से दो महत्वपूर्ण दस्तावेज हटाकर उनमें दूसरे दस्तावेज लगाए गए हैं। यहां पर 1987 की डीड के अनुसार प्लॉट सिर्फ औद्योगिक उद्देश्य के लिए प्रयोग किया जा सकते थे। लेकिन गुलमोहर रियल एस्टेट कंपनी ने इस पर टाउनशिप बनाने का काम शुरू कर दिया।