सीतारमण ने कहा कि ‘हरित ऋण’ कार्यक्रम को भी ‘पर्यावरण संरक्षण अधिनियम’ के तहत अधिसूचित किया जाएगा। सरकार ने देश को एक ऊर्जा-स्वतंत्र राष्ट्र बनाने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों से कार्बन उत्सर्जन कम करने की दृष्टिकोण से, चार जनवरी, 2023 को 19,744 करोड़ रुपये के शुरुआती परिव्यय के साथ मिशन हाइड्रोजन को भी स्वीकृति दी है।
सरकार की योजना 2030 तक हरित हाइड्रोजन की मांग निर्माण, उत्पादन, उपयोग और निर्यात की सुविधा उपलब्ध कराना और आठ लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश जुटाना है। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि सरकार शहरी बुनियादी ढांचा विकास कोष पर हर साल 10,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह ग्रामीण अवसंरचना विकास कोष की तर्ज पर होगा और इसे एनएचबी (नेशनल हाउसिंग बैंक) प्रबंधित करेगा।