जालंधर (The News Air) पंजाब के जालंधर शगर में अकाली दल को तगड़ा झटका लगा है। अकाली दल कै 36 साल पुराने नेता जालंधर शहर के पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर कमलजीत सिंह भाटिया समेत 51 सदस्यों ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। भाटिया ने पार्टी में कोई मान सम्मान न मिलने और उन्हें एक तरह से खुड्डेलाइन लगाकर रखने से आजिज आकर पार्टी को अलविदा कहा है।
पार्टी प्रधान को लिखा भावुक मन से पत्र
भाटिया शिरोमणि अकाली दल छोड़ने का पत्र पार्टी के प्रधान को लिखा है। पत्र में बहुत ही भावुक मन से लिखा गया है। कमलजीत सिंह भाटिया ने पत्र मे लिखा के अकाली दल के संघर्ष के दौरान उन्होंने जेलें काटी। उनका इकलौता बेटा पार्टी की सेवा करते-करते साल-2011 में शहीद हो गया। लेकिन अफसोस कि पार्टी ने हमेशा उनकी और उनके परिवार की कुर्बानियों को दरकिनार करते हुए उनकी अनदेखी की।
पार्टी ने दुर्दशा से भी कोई सबक नहीं लिया
भाटिया ने अपनी भड़ास निकालते हुए लिखा है कि आज जोल पार्टी की दुर्दशा हो रही और जो वर्तमान में पार्टी के हालात है इससे भी ओहदेदारों ने अभी तक सबक नहीं लिया है। आज पार्टी जो दुर्दशा सिर्फ इसलिए हो रही है कि पार्टी में जमीनी स्तर पर काम करने वाले लोगों की अनदेखी हो रही है। भाटिया ने पत्र में लिखा है कि वह चार बार जालंधर नगर निगम में कौंसिलर रहे लेकिन विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उनकी अनदेखी कर जालंधर सेंट्रल से किसी और को ही टिकट थमा दिया।
हद है पार्टी को खड़ा करने वालों के निधन पर शोक जताने कोई नहीं पहुंचा
जालंधर के पूर्व डिप्टी मेयर ने पार्टी के पदाधिकारियों को सवालों में घेरा है। उन्होंने कहा कि पार्टी में अराजकता इस हद तक है कि पार्टी को खड़े करने वाले जत्थेदार तेगा सिंह बल और चरणजीत सिंह मक्कड़ के निधन पर अफसोस करने के लिए अकाली दल की लीडरशिप में से कोई नहीं पहुंचा। परिवारों का मान सम्मान तो दूर दोनों नेताओं के भोग पर भी नेताओं ने दूरी बनाए रखी।