केंद्र सरकार के जल्द ही विवादित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगाने की संभावना है। पिछले हफ्ते रामनवमी (Ram Navami) के दौरान भारत के कुछ हिस्सों में हिंसा (Violence) और सांप्रदायिक तनाव के लिए इसी संगठन को जिम्मेदार ठहराया गया है।
News18 ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सरकार इस हफ्ते फैसला ले सकती है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध की तैयारी पूरी कर ली गई है। इसे लेकर जल्द ही एक नोटिफिकेशन भी जारी किया जा सकता है।
इस्लामिक संगठन PFI पर पहले से ही कई राज्यों में बैन है, लेकिन सरकार अब एक केंद्रीय नोटिफिकेशन के जरिए संगठन पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है।
दरअसल पिछले हफ्ते ही गोवा, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में रामनवमी जुलूस के दौरान हिंसा भड़क गई थी।
14 अप्रैल को, मध्य प्रदेश बीजेपी प्रमुख वीडी शर्मा ने आरोप लगाया था कि PFI ने खरगोन में आगजनी और पथराव के लिए फंड दिया था। हिंसा के कारण पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया था।
News18.com से बात करते हुए, बीजेपी युवा मोर्चा के प्रमुख तेजस्वी सूर्या ने भी PFI पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप लगाया था।
राजस्थान के करौली में हुई हिंसा और पथराव वाली जगह पर सूर्या को जाने से रोक दिया था। तब उन्होंने कहा, “PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) की तरह हमारे हाथों में हथियार या पत्थर नहीं थे। हम न्याय यात्रा करना चाहते थे और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करना चाहते थे।”
क्या है PFI और इस पर लगे हैं कैसे आरोप?
इंटेलिजेंस ब्यूरो ने पहली बार 2010 में PFI पर एक डोजियर बनाया था। इसमें इस संगठन को ‘इस्लामिक संगठनों का एक परिसंघ’ बताया गया था। साथ इस पर प्रतिबंधित इस्लामिक आतंकवादी स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) का सहयोग करने का आरोप भी था।
डोजियर में कहा गया, “सिटीजन फोरम, गोवा, कम्युनिटी सोशल एंड एजुकेशनल सोसाइटी, राजस्थान, नागरिक अधिकार सुरक्षा समिति, पश्चिम बंगाल, लिओंग सोशल फोरम, मणिपुर और एसोसिएशन ऑफ सोशल जस्टिस, आंध्र प्रदेश जैसे संगठन PFI के बढ़ते नेटवर्क का हिस्सा थे।”
2017 में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की तरफ से गृह मंत्रालय को एक व्यापक डोजियर पेश करने के बाद PFI पर प्रतिबंध लगाने की मांग को तेज हो गई थी।
News18 ने NIA डोजियर के हवाले ने कहा कि PFI नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट का दूसरा अवतार था, जिसे 1993 में बाबरी मस्जिद विध्वंस और उसके बाद के दंगों के बाद बनाया गया था।