The News Air- चंडीगढ़- सेक्टर 25 में इसी मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी-कम-गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन का उद्घाटन आज होगा।
चंडीगढ़ के प्रशासक बीएल पुरोहित आज शाम सेक्टर 25 में नगर निगम के मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी-कम-गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान मेयर सर्बजीत कौर समेत निगम के कई बड़े अफसर मौजूद रहेंगे। इनमें प्रशासक के सलाहकार धर्म पाल और निगम कमिश्नर अनिंदिता मित्रा भी शामिल हैं।
इससे पहले बीते वर्ष जून और जुलाई में तत्कालीन प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने इंडस्ट्रियल एरिया, फेज 1 और फेज 2 में ऐसे 2 मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी-कम-गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन का उद्घाटन किया था। फेज 2 में 3बीआरडी एसटीपी साइट पर स्टेशन स्थापित किया गया था।
शहर में ठोस कचरे के प्रबंधन के लिए इस स्टेशन को चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी लिमिटेड और नगर निगम के सांझे प्रयास से स्थापित किया गया है। इसके तहत शहर के कई सेक्टरों से इकट्ठा होने वाला कूड़ा ऐसे स्टेशनों पर पहुंचता है। यहां से रिसाइकिल होने वाले और पुन: इस्तेमाल होने वाला सूखा कचरा मशीनी तकनीकों से सेग्रीगेट कर लिया जाता है।
डड्डूमाजरा डंपिंग ग्रांउड का कद कम करने का प्रयास
सेक्टर 25 में इस स्टेशन के चालू होने से शहर के एक ही पॉइंट पर कूड़े के ढेर को कम किया जाएगा। डड्डूमाजरा में डंप के कई फीट के पहाड़ कम करना निगम के लिए चुनौती है। इसके लिए करोड़ों रुपए की मशीनें लगाई जा चुकी हैं। इस मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी से गीले और सूखे कूड़े के सेग्रिगेशन की प्रक्रिया भी तेज होगी। सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स, 2016 के तहत यह स्टेशन बनाए गए हैं। ऐसे स्टेशनों का मकसद कूड़े के एकत्रण और ट्रांसफर में समय और पैसे की बचत कर पुन: इस्तेमाल होने वाले कूड़े और रिसाइकल होने वाले कचरे से इनकम करना भी है।
इस तरह काम करेगा स्टेशन
डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण वाहन सुविधा के लिए अलग-अलग डिब्बों में अलग-अलग कचरा (सूखा और गीला) लाएंगे। इसमें कागज, कार्ड, रिसाइकिल योग्य प्लास्टिक, कांच की बोतलें, धातु जैसी विभिन्न श्रेणियों में सूखे कचरे को छांटने के लिए एक समर्पित स्थान होगा। रिसाइकिल योग्य सामग्री इकट्ठी करने के बाद छोड़े गए सूखे कचरे को सेक्टर 25 स्थित कंपोस्ट प्लांट में जमा किया जाएगा। इस सुविधा में सूखे और गीले कचरे के भार मापन की व्यवस्था भी की गई है।
इस सुविधा में छोटे वाहनों से कचरे को कैप्सूल में स्थनांतरित करने के लिए हॉपर-टिपर्स और कॉम्पैक्टर कैप्सूल की सुविधा है। यहां कचरे की मूल मात्रा के पांचवें हिस्से में इसे बदल दिया जाएगा। मात्रा में कमी से कचरे के परिवहन की लागत और कचरे के निपटान के लिए आवश्यक स्थान की बचत होगी। एमआरएफ स्टेशनों में पार्किंग और वाहन धोने की सुविधा पर भी विचार किया गया था। इन स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी का भी प्रबंध है।