Vaibhav Suryavanshi Fastest Century Record : आज रांची के जेएससीए स्टेडियम में जो हुआ, वह क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। 24 दिसंबर को बिहार और अरुणाचल प्रदेश के बीच खेले गए विजय हजारे ट्रॉफी के मुकाबले में 14 साल के Vaibhav Suryavanshi ने कोहराम मचा दिया। उन्होंने सिर्फ 84 गेंदों पर 190 रनों की ऐसी तूफानी पारी खेली कि दुनिया के बड़े-बड़े दिग्गज देखते रह गए।
वैभव ने न केवल गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाईं, बल्कि सिर्फ 36 गेंदों में अपना शतक पूरा कर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। यह भारतीय लिस्ट-ए क्रिकेट के इतिहास का दूसरा सबसे तेज शतक है।
36 गेंदों में सेंचुरी: गेंदबाजों के लिए बुरा सपना
वैभव सूर्यवंशी जब क्रीज पर उतरे, तो ऐसा लगा मानो वो कोई वीडियो गेम खेल रहे हों। अपनी 190 रनों की पारी में उन्होंने 15 गगनचुंबी छक्के और 16 करारे चौके लगाए। आप उनकी आक्रामकता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि उन्होंने 154 रन तो केवल बाउंड्री (चौकों-छक्कों) से ही बना डाले।
महज 36 गेंदों में शतक पूरा करते ही वैभव ने न्यूजीलैंड के कोरी एंडरसन की बराबरी कर ली, जिन्होंने भी 36 गेंदों में शतक लगाया था। हालांकि, वह अनमोलप्रीत सिंह के भारतीय रिकॉर्ड (35 गेंद) से महज एक गेंद से चूक गए, लेकिन 14 साल की उम्र में ऐसा कारनामा करना अपने आप में अजूबा है।
दिग्गजों के रिकॉर्ड हुए चकनाचूर
वैभव की इस पारी की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है। उन्होंने कई दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया है:
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Yusuf Pathan: यूसुफ ने 2010 में 40 गेंदों पर शतक लगाया था, जिसे वैभव ने ध्वस्त कर दिया।
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Urvil Patel & Abhishek Sharma: हाल ही में चमकने वाले इन सितारों (क्रमशः 41 और 42 गेंद) को भी वैभव ने पछाड़ दिया है।
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Global Impact: लिस्ट-ए क्रिकेट के इतिहास में अब वह संयुक्त रूप से चौथे सबसे तेज शतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। जैक फ्रेजर-मैकगर्क (29 गेंद) और एबी डिविलियर्स (31 गेंद) ही उनसे आगे हैं।
विश्लेषण: एक सितारे का जन्म या लंबी रेस का घोड़ा?
वैभव सूर्यवंशी का यह प्रदर्शन इसलिए खास है क्योंकि यह कोई तुक्का नहीं है। उन्होंने पहले भी अंडर-19 और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अपनी चमक बिखेरी है। हालांकि, पाकिस्तान के खिलाफ अंडर-19 एशिया कप फाइनल में वे फ्लॉप रहे थे, लेकिन विजय हजारे ट्रॉफी में उनकी वापसी ने साबित कर दिया है कि उनमें असफलता से उबरने का दम है। 14 साल की उम्र में ऐसी परिपक्वता और तकनीक, भविष्य के एक महान क्रिकेटर की ओर इशारा करती है। यह पारी उन्हें आईपीएल और भारतीय टीम के दरवाजों तक बहुत जल्द ले जा सकती है।
आम युवाओं के लिए प्रेरणा
बिहार जैसे राज्य से निकलकर, जहाँ संसाधनों की अक्सर कमी रहती है, वैभव का राष्ट्रीय स्तर पर छा जाना लाखों युवाओं के लिए एक उम्मीद की किरण है। यह पारी बताती है कि अगर प्रतिभा हो, तो उम्र और जगह मायने नहीं रखती। वैभव की सफलता बिहार के क्रिकेट को एक नई पहचान दिला रही है।
जानें पूरा मामला
यह मुकाबला विजय हजारे ट्रॉफी के तहत रांची में खेला जा रहा था। बिहार की टीम पहले बल्लेबाजी कर रही थी और वैभव ने ओपनिंग करते हुए अरुणाचल प्रदेश के गेंदबाजों पर धावा बोल दिया। उनकी इस पारी की बदौलत बिहार ने 500 से ज्यादा रन बना दिए। वैभव 190 रन बनाकर आउट हुए, अगर वे थोड़ी देर और टिक जाते तो शायद लिस्ट-ए क्रिकेट का सबसे तेज दोहरा शतक भी उनके नाम होता।
मुख्य बातें (Key Points)
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Vaibhav Suryavanshi ने 36 गेंदों में शतक जड़कर भारत का दूसरा सबसे तेज लिस्ट-ए शतक बनाया।
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उन्होंने 84 गेंदों में 190 रनों की पारी खेली, जिसमें 15 छक्के और 16 चौके शामिल थे।
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यूसुफ पठान (40 गेंद) और अभिषेक शर्मा (42 गेंद) जैसे दिग्गजों का रिकॉर्ड तोड़ा।
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वैभव ने यह कारनामा विजय हजारे ट्रॉफी में अपने डेब्यू मैच में ही कर दिखाया।






