Lionel Messi In Delhi: राजधानी दिल्ली की जहरीली हवा का असर अब खेल के मैदानों तक भी पहुंच गया है, जहां एक अजीबोगरीब नजारा देखने को मिला। दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में जब दुनिया भर के फुटबॉल प्रेमी सुपरस्टार लियोनेल मेसी की एक झलक पाने को बेताब थे, तभी वहां का माहौल पूरी तरह बदल गया।
जैसे ही दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता स्टेडियम में पहुंचीं, वहां मौजूद भीड़ ने मेसी-मेसी की जगह ‘AQI-AQI’ (वायु गुणवत्ता सूचकांक) के नारे लगाने शुरू कर दिए। दिल्ली की हवा में सांस लेना मुश्किल हो गया है और लोगों का यह गुस्सा अब वीआईपी कार्यक्रमों में भी फूटने लगा है।
मेसी के स्वागत में ‘प्रदूषण’ का शोर
सोमवार को स्टेडियम में फुटबॉल के दिग्गज लियोनेल मेसी के स्वागत का माहौल था, लेकिन लोगों के जेहन में सिर्फ दिल्ली का प्रदूषण था। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की एंट्री होते ही दर्शकों ने नारेबाजी शुरू कर दी, जो सीधे तौर पर शहर की खराब हवा को लेकर थी। यह घटनाक्रम बताता है कि लोग जहरीली हवा से किस कदर परेशान हैं।
सियासत हुई तेज: AAP ने साधा निशाना
इस पूरे वाक्ये के बाद दिल्ली की राजनीति गरमा गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) की दिल्ली इकाई के प्रमुख सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया पर इस स्थिति को देश के लिए शर्मनाक बताया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब पूरी दुनिया प्रदूषण पर चिंता जता रही है, तब देश का शीर्ष नेतृत्व खामोश है। ट्रांसक्रिप्ट के अनुसार, आम आदमी पार्टी ने केंद्र और दिल्ली में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि वे जहरीली हवा के संकट को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और हालात अब ‘आपातकाल’ जैसे हो चुके हैं।
सीएम की सफाई- ‘पुरानी सरकारों की गलती’
विरोध के बीच मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनकी सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। उन्होंने इस समस्या का ठीकरा पूर्ववर्ती सरकारों पर फोड़ा और कहा कि बीते वर्षों में ठोस प्रयास नहीं किए गए।
सीएम का तर्क है कि वायु प्रदूषण दशकों पुरानी चुनौती है और लंबे समय से रुके कामों को ठीक करने में वक्त लगता है, इसलिए सरकार को परिणाम दिखाने के लिए थोड़ा समय दिया जाना चाहिए।
खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण
सोमवार की सुबह राजधानी की हालत बेहद डरावनी रही। पूरा शहर धुंध की चादर में लिपटा था और विजिबिलिटी न के बराबर थी। सुबह के वक्त एक्यूआई (AQI) करीब 498 दर्ज किया गया, जो शाम तक घटकर 427 पर आया, लेकिन स्थिति ‘गंभीर’ श्रेणी में ही बनी रही। वजीरपुर जैसे इलाकों में हालात सबसे ज्यादा खराब पाए गए।
इसका सबसे बुरा असर बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर पड़ रहा है, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है।
स्कूल बंद, GRAP-4 लागू
बच्चों की सेहत को देखते हुए शिक्षा निदेशालय ने कड़े फैसले लिए हैं:
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नर्सरी से 5वीं तक: सभी स्कूल अगले आदेश तक बंद, पढ़ाई पूरी तरह ऑनलाइन होगी।
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6वीं से 9वीं और 11वीं: हाइब्रिड मोड में कक्षाएं चलेंगी (छात्र ऑनलाइन या ऑफलाइन चुन सकते हैं)।
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10वीं और 12वीं: प्री-बोर्ड परीक्षाएं और कक्षाएं जारी रहेंगी।
इसके साथ ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण रोकने के लिए ‘ग्रेप-4’ (GRAP-4) लागू कर दिया गया है। इसके तहत आवश्यक सेवाओं को छोड़कर दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। सिर्फ सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-6 डीजल ट्रकों को ही अनुमति दी गई है।
जानें पूरा मामला
हर साल सर्दियों की शुरुआत के साथ ही दिल्ली गैस चेंबर बन जाती है। इस बार स्थिति तब और अजीब हो गई जब एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन के दौरान जनता का गुस्सा फूट पड़ा। एक तरफ फुटबॉल का जश्न था, तो दूसरी तरफ सांसों का संकट। स्टेडियम में लगे ‘AQI’ के नारे यह बताने के लिए काफी हैं कि दिल्लीवासी अब साफ हवा के लिए कितने बेचैन हैं।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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अरुण जेटली स्टेडियम में सीएम रेखा गुप्ता के सामने भीड़ ने ‘AQI’ के नारे लगाए।
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आम आदमी पार्टी ने इसे शर्मनाक बताते हुए सत्तारूढ़ सरकार को घेरा।
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दिल्ली का एक्यूआई 498 तक पहुंचा, वजीरपुर में हालत सबसे खराब।
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नर्सरी से 5वीं तक के स्कूल बंद, बाकी कक्षाओं के लिए हाइब्रिड मोड लागू।
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दिल्ली में ग्रेप-4 लागू, ट्रकों की एंट्री पर लगा प्रतिबंध।






