West Bengal Assembly Elections 2026 : पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव को लेकर बिगुल बजने से पहले ही चुनाव आयोग ने कमर कस ली है। आयोग ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए फैसला किया है कि आगामी चुनावों में पारदर्शिता लाने और मतदाताओं की सुविधा के लिए ईवीएम मशीन पर अब उम्मीदवार का नाम और चुनाव चिह्न ही नहीं, बल्कि उसकी तस्वीर भी दिखाई देगी।
ईवीएम पर दिखेगी उम्मीदवार की तस्वीर
चुनाव आयोग ने 2026 के चुनावों के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव किया है। आयोग के नए निर्देशों के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर अब उम्मीदवार की फोटो भी लगी होगी। यह फोटो ठीक उसी पंक्ति में होगी जहां चुनाव चिह्न और बटन होता है।
इस फैसले के पीछे आयोग का मुख्य मकसद चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाना है। अक्सर एक ही नाम के कई उम्मीदवार होने से मतदाताओं में भ्रम की स्थिति बन जाती थी, लेकिन अब फोटो दिखने से वोटर अपने पसंदीदा प्रत्याशी को आसानी से पहचान सकेंगे और गलत वोटिंग की गुंजाइश खत्म हो जाएगी।
बूथों की संख्या में भारी इजाफा
आगामी चुनाव को सुगम और भीड़मुक्त बनाने के लिए आयोग ने मतदान केंद्रों की संख्या में भी भारी बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। 2021 के विधानसभा चुनाव में राज्य में 80,681 मतदान केंद्र थे, लेकिन बढ़ती जनसंख्या और भौगोलिक जरूरतों को देखते हुए 2026 में यह संख्या बढ़ाकर लगभग 95,000 की जा रही है। यानी करीब 15,000 नए बूथ बनाए जाएंगे ताकि हर मतदाता को घर के पास ही बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
कड़ी अग्निपरीक्षा से गुजरेंगी मशीनें
चुनाव में किसी भी तरह की तकनीकी खामी न आए, इसके लिए मशीनों की जांच का काम युद्धस्तर पर शुरू हो गया है। कोलकाता में ईवीएम की ‘फर्स्ट लेवल चेकिंग’ (FLC) के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें बेंगलुरु की ईवीएम निर्माता कंपनी ईसीआईएल (ECIL) के इंजीनियर भी शामिल हैं।
इस जांच प्रक्रिया को बेहद सख्त बनाया गया है। प्रत्येक ईवीएम के 6 मतदान बटनों को 16-16 बार दबाकर चेक किया जाएगा। यानी कुल 96 बार परीक्षण के बाद ही मशीन को संतोषजनक मानकर पास किया जाएगा। इसके अलावा वीवीपैट (VVPAT) मशीन की पर्ची, छवि और प्रिंट की गुणवत्ता को भी बारीकी से परखा जा रहा है।
अधिकारियों को विशेष ट्रेनिंग
उपचुनाव आयुक्त ज्ञानेश भारती ने कोलकाता में एफएलसी टीमों के साथ बैठक कर साफ कर दिया है कि मशीनों की उपलब्धता और कार्यक्षमता ही चुनाव की रीढ़ है। राज्य में इस समय 1.30 लाख से ज्यादा ईवीएम और 1.35 लाख से अधिक वीवीपैट मशीनें मौजूद हैं। चुनाव को निष्पक्ष कराने के लिए सभी मतदान कर्मियों, जिला चुनाव अधिकारियों और गोदाम प्रभारियों को व्यापक प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे इस नई प्रणाली और फोटो फीचर से भली-भांति परिचित हो सकें।
जानें पूरा मामला
पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके लिए मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SSR) का काम चल रहा है। इसी कड़ी में चुनाव आयोग ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। आयोग का जोर इस बार तकनीक के जरिए चुनाव को पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने पर है, ताकि किसी भी तरह के भ्रम या गड़बड़ी की शिकायत न रहे।
मुख्य बातें (Key Points)
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पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 में पहली बार ईवीएम पर उम्मीदवार की फोटो दिखाई देगी।
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राज्य में मतदान केंद्रों की संख्या 80,681 से बढ़ाकर लगभग 95,000 की जाएगी।
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ईवीएम के हर बटन को 16 बार दबाकर कुल 96 बार कड़े परीक्षण के बाद मशीनें पास होंगी।
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पारदर्शिता बढ़ाने और मतदाताओं के भ्रम को दूर करने के लिए आयोग ने ये ऐतिहासिक बदलाव किए हैं।






