The News Air – एक्टर सोनू सूद की बहन मालविका सूद सच्चर कांग्रेस में शामिल हो गई हैं। पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 का ऐलान होने के बाद उन्होंने शनिवार देर शाम कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली। माना जा रहा है कि वह मोगा से कांग्रेस की विधानसभा चुनाव उम्मीदवार होंगी। मालविका के कांग्रेस में शामिल होने की पुष्टि कांग्रेस के ज़िला प्रभारी कमलजीत सिंह बराड़ ने की। कुछ समय पहले ही सोनू सूद ने अपनी बहन के राजनीति में एंट्री का ऐलान किया था।
कौन हैं मालविका सूद सच्चर?
मालविका अपने तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। 38 साल की मालविका मोगा शहर में अपने सोशल वर्क़ को लेकर काफ़ी फेमस हैं। वह शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में अपने सामाजिक कार्यों के लिए जानी ज़ाती हैं। कोरोना लॉकडाउन के दौरान लोगों की मदद कर रियल हीरो बनकर उभरे सोनू सूद अपने बेहतर अभियान के लिए जाने जाते हैं। सोनू सूद की सबसे बड़ी बहन मोनिका शर्मा फार्मास्युटिकल सेक्टर से जुड़ी हुई हैं और अमेरिकी में रहती हैं।
मालविका और सोनू अपने दिवंगत माता-पिता शक्ति सागर सूद और सरोज बाला सूद की याद में सूद चैरिटी फाउंडेशन चलाते हैं। मालविका के पिता का 2016 और मां का 2007 में निधन हो गया था। मालविका के पिता मोगा के मेन बाज़ार में बॉम्बे क्लॉथ हाउस के नाम से दुकान चलाते थे। उनकी मां शहर के डीएम कॉलेज में अंग्रेज़ी की लेक्चरर थीं।
ग़रीब छात्रों को मुफ़्त में मुहैया कराती हैं कोचिंग
कंप्यूटर इंजीनियर मालविका मोगा में IELTS कोचिंग सेंटर चलाती हैं। वह जरुरतमंद छात्रों को मुफ़्त में अंग्रेज़ी की कोचिंग मुहैया कराती हैं। उन्होंने गौतम सच्चर से शादी की है। इस कपल की निगरानी में ही फाउंडेशन के चैरिटी प्रोजेक्ट्स काम करते हैं। गौतम सच्चर ने बताया कि अभी वो लोग देश भर में 20 हज़ार से अधिक ग़रीब छात्रों को शिक्षा मुहैया करा रहे हैं। दोनों लोग जरुरतमंद मरीज़ों की सर्जरी के लिए फंडिंग भी करते हैं।
लॉकडाउन में छात्रों के लिए चलाया ऑनलाइन क्लासेज
कोविड लॉकडाउन के दौरान मालविका ने ग़रीब छात्रों के लिए मुफ़्त ऑनलाइन क्लासेज चलाए थे। कोरोना संकट के दौरान मोगा में मालविका और सोनू सूद ने जरुरतमंद छात्रों और मज़दूरों को सैकड़ों साइकिल बांटी थीं। मालविका ने फाउंडेशन के तहत मोगा के लिए ‘मेरा शहर, मेरी ज़िम्मेवारी’ अभियान भी शुरू किया था।
पंजाबियत पर गर्व, माता-पिता ने सिखाया दूसरों की सेवा करना
एक इंटरव्यू में मालविका ने कहा था कि उन्हें अपनी पंजाबी जड़ पर बहुत गर्व है। दूसरों की सेवा करना के मूल्य उनके माता-पिता ने उनमें पैदा किया था। मेरे भाई ने कोविड के दौरान प्रवासियों की मदद की, क्योंकि हम किसी को दर्द में नहीं देख सकते। यही हमारे माता-पिता ने हमें सिखाया। हमारे अंदर पंजाबियत है। हम अपने पेरेंट्स को बहुत याद करते हैं। हम चाहते हैं कि वे देखें और महसूस करें कि हम जरूरतमंदों के लिए क्या कर रहे हैं।’