Punjab Air Pollution Diwali 2025 — दिवाली की रात पंजाब (Punjab) का आसमान घने धुएं की चादर में लिपट गया। सोमवार रात 8 बजे के बाद पटाखों (Firecrackers) की आतिशबाजी ने हवा में इतनी जहरीली गैस घोल दी कि कई शहरों में Air Quality Index (AQI) 500 तक पहुंच गया। अमृतसर (Amritsar), लुधियाना (Ludhiana) और जालंधर (Jalandhar) जैसे प्रमुख शहरों में प्रदूषण “गंभीर” श्रेणी में पहुंच गया।
राज्य में आज बंदी छोड़ दिवस (Bandi Chhor Divas) भी मनाया जा रहा है, और इस मौके पर फिर आतिशबाजी होने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है, जिससे हवा अगले दो दिनों तक “दमघोंटू” बनी रह सकती है।
पर्यावरण निगरानी केंद्रों (Pollution Monitoring Stations) के आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार रात 8 बजे पंजाब का औसत AQI 114 था, जो रात 10 बजे 309 और आधी रात तक 500 तक पहुंच गया। यह स्तर इंसान के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है।
लुधियाना, जालंधर, पटियाला और अमृतसर में PM2.5 और PM10 की मात्रा सामान्य से 4–5 गुना ज्यादा दर्ज की गई। रातभर आसमान में धुएं की मोटी परत छाई रही, जिससे कई लोगों को आंखों में जलन, खांसी और सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ा।
सबसे ज्यादा प्रभावित शहर:
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution Control Board) के अनुसार, पंजाब के आठ प्रमुख शहरों में से लुधियाना, जालंधर और पटियाला सबसे ज्यादा प्रभावित रहे।
| शहर | 8PM | 10PM | 12AM | अधिकतम AQI | सुबह औसत AQI |
|---|---|---|---|---|---|
| अमृतसर | 114 | 309 | 355 | 500 | 214 |
| लुधियाना | 163 | 429 | 474 | 474 | 268 |
| जालंधर | 178 | 338 | 500 | 500 | 248 |
| पटियाला | 100 | 362 | 482 | 486 | 202 |
आतिशबाजी के समय पर नहीं लगी रोक:
राज्य सरकार ने पहले से निर्देश दिए थे कि आतिशबाजी सिर्फ रात 8 से 10 बजे के बीच की जा सकती है। लेकिन पूरे पंजाब में आधी रात तक पटाखों की आवाज और धुएं ने आसमान को भर दिया।
विशेषज्ञों के अनुसार, सीमित समय की आतिशबाजी भी हवा में सूक्ष्म धूलकण (Particulate Matter) की मात्रा कई गुना बढ़ा देती है, जो बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक होती है।
मौसम और पराली ने बढ़ाई स्थिति की गंभीरता:
मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि हवा की रफ्तार धीमी रहने और पराली जलाने की घटनाओं (Stubble Burning) ने प्रदूषण के स्तर को और बढ़ा दिया। अगर अगले 48 घंटों में तेज हवाएं नहीं चलीं, तो यह जहरीली परत (Toxic Layer) हवा में बनी रह सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सुबह टहलने या खुले में व्यायाम करने से बचने की सलाह दी है। बच्चों और अस्थमा के मरीजों को घर के अंदर ही रहने की हिदायत दी गई है।
हर साल दिवाली के बाद पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच जाती है। सुप्रीम कोर्ट और NGT (National Green Tribunal) द्वारा पटाखों पर आंशिक प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद, लोग नियमों की अनदेखी करते हैं।
पंजाब में दिवाली के साथ बंदी छोड़ दिवस भी मनाया जाता है, जिसके कारण यहां दो दिनों तक लगातार आतिशबाजी होती है। साथ ही, अक्टूबर-नवंबर में पराली जलाने की घटनाएं हवा को और जहरीला बना देती हैं। यह स्थिति हर साल सर्दियों की शुरुआत में गंभीर Air Pollution Crisis का रूप ले लेती है।
मुख्य बातें (Key Points):
-
दिवाली की रात पंजाब के कई शहरों में AQI 500 के पार पहुंचा, जो “गंभीर” श्रेणी है।
-
लुधियाना, जालंधर, अमृतसर और पटियाला सबसे ज्यादा प्रभावित रहे।
-
आज Bandi Chhor Divas पर फिर से आतिशबाजी से प्रदूषण बढ़ने की आशंका।
-
विशेषज्ञों ने लोगों को घर में रहने और सुबह व्यायाम से बचने की सलाह दी।
-
पराली जलाने और धीमी हवाओं से हवा में जहरीले कण फंसे हुए हैं।






