Punjab Weather Alert: उत्तर भारत में मानसून की विदाई के बावजूद, बारिश का नया दौर एक बार फिर लौट आया है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि बुधवार शाम को पंजाब और चंडीगढ़ में भारी बारिश के साथ बिजली चमकने की संभावना है। पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बरसात ने न सिर्फ जनजीवन को प्रभावित किया है बल्कि ठंड का शुरुआती एहसास भी शुरू कर दिया है।
IMD के अनुसार, यह बारिश एक स्थानीय वेस्टर्न डिस्टरबेंस (Western Disturbance) के असर से हो रही है, जो उत्तर-पश्चिमी भारत के ऊपर सक्रिय है। इस सिस्टम के कारण पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और दिल्ली-एनसीआर में अगले 24 घंटे तक बौछारें जारी रह सकती हैं।
24 घंटे में पंजाब के कई जिलों में झमाझम बारिश
मौसम विभाग के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में पंजाब के कई इलाकों में तेज बारिश दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा 50 मिमी बारिश पटियाला में दर्ज की गई, जबकि मोहाली में 48 मिमी, लुधियाना में 31 मिमी, अमृतसर में 20.6 मिमी, पठानकोट और बठिंडा में 19-20 मिमी, रोपड़ में 36.5 मिमी और गुरदासपुर में 16.7 मिमी बारिश हुई। इसके अलावा फतेहगढ़ साहिब, मोगा, होशियारपुर और कपूरथला में भी लगातार फुहारें जारी रहीं।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस सीज़न में अक्टूबर की शुरुआत में इतनी बारिश असामान्य मानी जाती है, क्योंकि इस समय तक आमतौर पर मानसून पूरी तरह लौट चुका होता है।
बारिश से तापमान में भारी गिरावट, बढ़ी ठंडक
लगातार बारिश के चलते पंजाब के तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है। राज्य में पारा 10.6 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है, जो सामान्य से करीब 8 डिग्री कम है। चंडीगढ़, पठानकोट, पटियाला और जालंधर में सुबह और शाम के समय ठंडी हवाओं का अहसास बढ़ गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, “यह शुरुआती ठंड की शुरुआत है, जो आने वाले हफ्तों में और तेज हो सकती है।”
ला नीना का असर, इस साल पड़ सकती है ज्यादा सर्दी
मौसम विशेषज्ञों ने पहले ही संकेत दिए थे कि इस बार भारत में कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। इसकी मुख्य वजह ला नीना (La Niña) पैटर्न को माना जा रहा है, जो इस समय प्रशांत महासागर में सक्रिय है। ला नीना के दौरान सर्द हवाएं उत्तरी भारत में ज्यादा देर तक बनी रहती हैं, जिससे सर्दी लंबी और ज्यादा ठंडी होती है। पंजाब में अभी से जो तापमान में गिरावट दिख रही है, वह उसी प्रभाव का नतीजा मानी जा रही है।
अक्टूबर की बारिश क्यों चिंता का कारण है
आमतौर पर अक्टूबर का महीना पंजाब में धान कटाई और गेहूं की बुवाई की तैयारी का समय होता है। लेकिन लगातार हो रही बारिश ने किसानों के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। कई इलाकों में खेतों में पानी भर जाने से कटाई पर असर पड़ा है।
साथ ही बारिश के कारण फसल के गिरने और नमी बढ़ने से गुणवत्ता पर भी प्रभाव पड़ सकता है। कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे धान की कटाई से पहले मौसम साफ होने का इंतजार करें, ताकि नुकसान से बचा जा सके।
मुख्य बातें (Key Points)
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IMD ने आज शाम पंजाब और चंडीगढ़ में Heavy Rain और Thunderstorm की चेतावनी दी।
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पटियाला, मोहाली, लुधियाना और अमृतसर में पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज हुई।
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बारिश से तापमान 10.6 डिग्री तक गिरा, ठंड ने दस्तक दी।
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ला नीना प्रभाव के चलते इस साल कड़ाके की सर्दी की संभावना।






