Chandigarh High Court – पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने बुधवार को अपनी अग्रिम जमानत याचिका अचानक वापस ले ली। यह याचिका उन्होंने आय से अधिक संपत्ति मामले में संभावित गिरफ्तारी के डर से दाखिल की थी। लेकिन अदालत में सरकारी वकील ने साफ किया कि अब तक न तो खैहरा को विजिलेंस की ओर से कोई नोटिस जारी हुआ है और न ही पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इस बयान के बाद खैहरा ने अपनी अर्जी वापस लेने का फैसला किया।
मामले की पृष्ठभूमि
सुखपाल सिंह खैहरा पंजाब की राजनीति में अपने बेबाक बयानों और विपक्षी भूमिका के लिए जाने जाते हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की है। यह जांच पंजाब विजिलेंस ब्यूरो कर रहा है। राजनीतिक हलकों में माना जाता है कि हालिया घटनाक्रम उनके और सरकार के बीच बढ़ते टकराव से जुड़ा है। यह विवाद उस समय और गर्माया जब पंजाब विधानसभा के जुलाई सत्र के दौरान वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने खैहरा पर ड्रग तस्करों से रिश्तों के आरोप लगाए थे।
कोर्ट में तर्क और याचिका वापसी
खैहरा के वकील ने कोर्ट में कहा कि उनके मुवक्किल राजनीतिक मुद्दों को खुलकर उठाते हैं और इस कारण उन्हें फंसाया जा सकता है। वहीं, सरकारी वकील ने जवाब दिया कि फिलहाल न कोई नोटिस भेजा गया है और न ही पूछताछ के लिए बुलाया गया है। कोर्ट में दिए गए इस भरोसे के बाद खैहरा ने याचिका वापस ले ली।
करीबी की गिरफ्तारी से बढ़ा विवाद
इस पूरे मामले में एक और मोड़ तब आया जब चार दिन पहले पंजाब पुलिस ने जोगा सिंह नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। यह 2015 में फाजिल्का में दर्ज एक बड़े ड्रग तस्करी केस में वांछित था। पुलिस का दावा है कि कार्रवाई के दौरान 2 किलो हेरोइन, 24 सोने के बिस्कुट, 2 पाकिस्तानी सिम कार्ड और एक टाटा सफारी बरामद हुई थी। जोगा सिंह को खैहरा का करीबी माना जाता है।






