Uttarkashi Cloudburst : उत्तराखंड (Uttarakhand) के उत्तरकाशी (Uttarkashi) जिले में सोमवार को हुए बादल फटने (Cloudburst) की घटना ने पूरे क्षेत्र में तबाही मचा दी। उत्तरकाशी के हर्षिल (Harsil) के पास खीर गाड़ (Khir Gaad) क्षेत्र में स्थित धराली (Dharali) गांव में अचानक हुए इस प्राकृतिक कहर से भारी मात्रा में मलबा नीचे आया और लगभग 20 से 25 होटल (Hotels) और होम स्टे (Home Stays) मलबे में दब गए। यह गांव जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित है। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और कई लोग लापता हो गए।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, खीर गंगा (Khir Ganga) नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बादल फटने से अचानक भारी मात्रा में पानी और मलबा बहने लगा, जिसने धराली गांव के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया। इस हादसे में कई मकानों के साथ-साथ बाजार क्षेत्र भी पूरी तरह मलबे में दब गया है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य (Prashant Arya) ने अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि की है, हालांकि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
गंगोत्री (Gangotri) धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए यह क्षेत्र एक प्रमुख पड़ाव होता है, जहां वे स्थानीय होटलों और होम स्टे में रुकते हैं। बताया गया कि बादल फटने की यह घटना दोपहर करीब डेढ़ बजे घटी। पानी और मलबे का बहाव इतना तेज था कि लोगों को संभलने का भी मौका नहीं मिला। कुछ पर्यटकों और स्थानीय लोगों ने घटना के दृश्य मोबाइल कैमरों में कैद किए, जिसमें लोग चीखते-चिल्लाते दिखाई दिए।
गनीमत रही कि भारी बारिश के चलते क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या अपेक्षाकृत कम थी, वरना हादसे का दायरा और भी बड़ा हो सकता था। घटना में कई घोड़े, खच्चर और वाहन भी मलबे में दब गए हैं। इससे स्थानीय कारोबारियों को भी भारी नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने जिला प्रशासन और सभी संबंधित एजेंसियों को राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाने के निर्देश दिए हैं।
केंद्र सरकार की ओर से गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने भी मुख्यमंत्री से बात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
इस बीच सेना (Army), एसडीआरएफ (SDRF), एनडीआरएफ (NDRF) और अन्य राहत एजेंसियां घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। भारतीय सेना (Indian Army) की आइबेक्स ब्रिगेड (Ibex Brigade) के जवान तुरंत हरकत में आए और मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। सेना की सूर्य कमान (Surya Command) ने जानकारी दी है कि राहत कार्य तेज़ी से जारी है और प्रभावितों को हरसंभव सहायता दी जा रही है।
एनडीआरएफ की चार टीमें भी उत्तरकाशी के लिए रवाना कर दी गई हैं। स्थानीय प्रशासन भी लगातार हालात की निगरानी कर रहा है।
यह आपदा एक बार फिर हिमालयी क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन और संरचनात्मक स्थायित्व पर गंभीर सवाल खड़े करती है। पहाड़ी क्षेत्रों में इस तरह की प्राकृतिक आपदाएं न केवल जानमाल का नुकसान करती हैं, बल्कि लंबे समय तक सामाजिक और आर्थिक असंतुलन भी पैदा करती हैं।
Horrifying! This zoomed video shows the extent of destruction in Uttarkashi. People seen running, but within seconds everything is swallowed by debris and water. Prayers to the almighty for everyone’s safety. #uttarkashi | #Uttrakhand
pic.twitter.com/XLhmlAZMBz— Nikhil saini (@iNikhilsaini) August 5, 2025






