BJP Mumbai Elections Survey : मुंबई (Mumbai) नगर निगम चुनावों की तैयारियों के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक आंतरिक सर्वेक्षण करवाया है, जिससे यह चौंकाने वाला निष्कर्ष सामने आया है कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और राज ठाकरे (Raj Thackeray) के बीच यदि गठबंधन होता है तो भी भाजपा की चुनावी संभावनाओं पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने यह जानकारी दी और कहा कि यह सर्वे विशेष रूप से उद्धव और राज ठाकरे के संभावित मेल को ध्यान में रखते हुए कराया गया था।
बता दें कि उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (UBT) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के बीच मतभेद वर्षों से चले आ रहे हैं, लेकिन हाल ही में राज ठाकरे के एक बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी। उन्होंने संकेत दिया कि ‘छोटे-मोटे मुद्दों’ को दरकिनार कर गठबंधन की संभावनाएं तलाशी जा सकती हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र (Maharashtra) के कई नगर निगमों, खासकर बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC), पुणे (Pune) और ठाणे (Thane) में इस वर्ष के अंत तक चुनाव संभावित हैं।
भाजपा पदाधिकारी के अनुसार, इस सर्वे से तीन प्रमुख कारण सामने आए हैं जिनके चलते पार्टी को मुंबई में कोई नुकसान नहीं होगा: पहला, भाजपा के पारंपरिक मतदाता आधार की मजबूती; दूसरा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) का नेतृत्व; और तीसरा, बीते विधानसभा चुनावों में पार्टी का बेहतरीन प्रदर्शन। उन्होंने यह भी दावा किया कि पारंपरिक मराठी वोट बैंक वाले इलाकों में भी भाजपा का समर्थन बरकरार है।
सर्वे के निष्कर्षों में यह भी कहा गया है कि 2022 में शिवसेना में हुए विभाजन के बाद उद्धव ठाकरे का प्रभाव मुंबई में कम हो गया है और उनकी पार्टी के करीब आधे पार्षद एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट में शामिल हो चुके हैं। वहीं, राज ठाकरे का राजनीतिक प्रभाव सीमित ही देखा गया है। पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि यदि भाजपा बीएमसी (BMC) चुनावों में 227 में से 150 सीटों पर चुनाव लड़ती है तो पार्टी को स्पष्ट लाभ होगा, और इसी रणनीति के तहत चुनावी तैयारियां की जा रही हैं।






