Amritsar Poisonous Liquor Deaths — पंजाब (Punjab) के अमृतसर (Amritsar) जिले के मजीठा (Majitha) क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या अब 23 हो चुकी है। बीती रात इलाज के दौरान दो और लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 अन्य की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। इनका इलाज अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल (Guru Nanak Dev Hospital) में चल रहा है, जहां पांच मरीजों की स्थिति इतनी नाजुक है कि स्वास्थ्य विभाग (Health Department) और डॉक्टरों की टीम उन्हें बचाने में जी-जान से जुटी हुई है।
इस घटना के बाद प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। पुलिस ने 24 घंटे के अंदर 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि इस पूरे नेटवर्क में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी तलाश लगातार जारी है। इन आरोपियों के खिलाफ हत्या (Murder) का मामला दर्ज किया गया है।
सरकारी तंत्र पर भी गिरी गाज
मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) के सख्त निर्देशों के बाद इस गंभीर लापरवाही की गाज सरकारी अधिकारियों पर भी गिरी है। स्थानीय डीएसपी अमोलक सिंह (DSP Amolak Singh), एसएचओ अवतार सिंह (SHO Avtar Singh), आबकारी विभाग के ईटीओ मनीष गोयल (Excise ETO Manish Goyal) और इंस्पेक्टर गुरजीत सिंह (Inspector Gurjeet Singh) को निलंबित कर दिया गया है। प्रशासन के इस कदम को सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
मौत के मातम में डूबे सात गांव
इस दिल दहला देने वाली घटना में मृतकों की संख्या सात गांवों से जुड़ी हुई है—भंगाली कलां (Bhangali Kalan), मराडी कलां (Maradi Kalan), पातालपुरी (Patalpuri), थ्रिएवाल (Thariewal), तलवंडी खुम्मन (Talwandi Khumman) और करनाला (Karnala)। इन गांवों में दो दिन से मातम पसरा हुआ है। हर घर में रोते-बिलखते परिजन हैं और गांवों की फिजा में सिर्फ दर्द है।
CM ने की आर्थिक मदद की घोषणा
बीती दोपहर मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद मजीठा पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया। इस मदद से जहां एक ओर सरकार की संवेदनशीलता दिखी, वहीं दूसरी ओर दोषियों पर सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया गया।
जागरूकता अभियान तेज, स्पीकर से दी जा रही चेतावनी
घटना के बाद जिला प्रशासन ने ऑटो रिक्शा में स्पीकर लगाकर ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान शुरू किया है। लोगों को बताया जा रहा है कि अनजान या बिना ब्रांड की शराब का सेवन न करें। अगर किसी ने बीते दिनों शराब पी है और तबीयत बिगड़ रही है, तो तुरंत इसकी जानकारी प्रशासन या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को दें। यह कदम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
इस पूरे मामले ने प्रशासन, कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर परीक्षा ले ली है। अब निगाहें आने वाली कानूनी कार्रवाई और सिस्टम की पारदर्शिता पर टिकी हैं।






