The News Air- (चंडीगढ़) पंजाब के लुधियाना कोर्ट में गुरुवार दोपहर हुए बम ब्लास्ट में मारे गए व्यक्ति की पहचान गगनदीप सिंह (30) के रूप में हुई है। गगनदीप सिंह पंजाब पुलिस का ही मुलाज़िम था, जिसे 2 साल पहले महकमे से बर्खास्त कर दिया गया था। लुधियाना ज़िले के खन्ना सदर थाने में मुंशी रहते हुए गगनदीप को अगस्त-2019 में हेरोइन के साथ गिरफ़्तार किया गया। ड्रग माफिया से लिंक के कारण उसे पंजाब पुलिस से बर्खास्त कर दिया गया। ड्रग केस में गगनदीप सिंह 2 साल जेल में रहा और वह 8 सितंबर 2021 को ही जेल से ज़मानत पर बाहर आया।
गगनदीप के खालिस्तानी संगठन बब्बर ख़ालसा इंटरनेशनल (BKI) से लिंक सामने आ रहे हैं। इस ब्लास्ट के पीछे पाकिस्तान में बैठे हरविंदर सिंह रिंदा का नाम आ रहा है, जो बब्बर ख़ालसा इंटरनेशनल से जुड़ा है। इस बात से भी इनकार नहीं किया जा रहा कि गगनदीप कोर्ट परिसर के बाथरूम में बम लेकर पहुंचने के बाद मोबाइल फ़ोन के ज़रिए उसे एक्टिवेट करने की इन्स्ट्रक्शन ले रहा था। उसी दौरान कोई गड़बड़ी हुई और बम ब्लास्ट हो गया। इसमें गगनदीप सिंह ख़ुद भी मारा गया। एजेंसियां इसकी पड़ताल कर रही हैं।
वर्ष 1978 में बने बब्बर ख़ालसा को पाकिस्तान में बैठा वधावा सिंह बब्बर ऑपरेट करता है, जो 90 के दशक में वहाँ भाग गया था। इससे पहले अक्टूबर-2007 में लुधियाना के ही शिंगार सिनेमा में हुए बम ब्लास्ट में भी बब्बर ख़ालसा का नाम आया था। उस ब्लास्ट में 7 लोग मारे गए थे और 32 घायल हुए थे।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक़, गगनदीप सिंह खन्ना के जीटीबी नगर का रहने वाला था। उसके पिता का नाम अमरजीत सिंह है। पंजाब पुलिस की STF ने गगनदीप सिंह को 785 ग्राम हेरोइन के साथ पकड़ा था। वह एक महिला के साथ मिलकर ड्रग तस्करी करता था। उसके ख़िलाफ़ 11 अगस्त 2019 को मोहाली के फेज-4 स्थित STF थाने में NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज़ किया गया।
NIA को ऐसे मिला क्लू
केंद्रीय जांच एजेंसी NIA ने ब्लास्ट वाली जगह मिले डोंगल के मोबाइल सिम नंबर से गगनदीप की पहचान की। दरअसल गुरुवार दोपहर हुए बम ब्लास्ट के बाद नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और नेशनल सिक्योरिटी ग्रुप (NSG) के अधिकारी गुरुवार रात सवा 10 बजे नई दिल्ली से लुधियाना कोर्ट परिसर पहुंच गए थे। ये अधिकारी रातभर कोर्ट कॉम्प्लेक्स को अपने कब्ज़े में रखकर कड़ी से कड़ी जोड़ने का प्रयास करते रहे।
केंद्रीय जांच एजेंसियों और स्थानीय पुलिस अफ़सरों की रात में ही घटनास्थल पर कई मीटिंग भी हुई। जांच के दौरान मलबे से जांच एजेंसियों को काफ़ी इनपुट मिले। मलबे में कुछ टूटे हुए मोबाइल फ़ोन और डोंगल भी मिले। जांच अफ़सरों ने जब मोबाइल फ़ोन और डोंगल के सिम को लेकर पड़ताल शुरू की तो क्लू मिलते चले गए। डोंगल खन्ना के ही एक आदमी के नाम पर थी। पुलिस ने जब उसे उठाकर पूछताछ की तो उसने गगनदीप सिंह के बारे में बता दिया।
गगनदीप के परिवार ने बॉडी की शिनाख्त की
शुक्रवार देर शाम को NIA और पंजाब पुलिस की जॉइंट टीम ने खन्ना में गगनदीप सिंह के घर रेड की। परिवार ने गगनदीप सिंह की बॉडी की शिनाख्त कर ली। मरने वाले की बाज़ू पर बने खंडे के टैटू के आधार पर उसके गगनदीप सिंह होने की बात कही गई। पुलिस को गगनदीप सिंह की ज़ेब से डोंगल के अलावा 500 रुपए भी मिले मगर उसके पास कोई पर्स नहीं था। ब्लास्ट के समय गगनदीप सिंह ने टीशर्ट पहन रखी थी।
गगनदीप सिंह के साथियों की तलाश
वर्ष 2019 में ड्रग केस में गिरफ़्तार होने के बाद पंजाब पुलिस से बर्खास्त किए गए गगनदीप सिंह के साथ उस समय कुछ और लोग भी थे। गुरुवार को बम लगाते समय हुए ब्लास्ट में गगनदीप सिंह की मौत के बाद पंजाब पुलिस अब उसे बाकी साथियों का रिकॉर्ड खंगाल रही है। पंजाब पुलिस को शक है कि इनमें से कोई इस ब्लास्ट में भी शामिल हो सकता है।
गगनदीप छोटे क़द का पहलवान टाइप का शख़्स था। उसने अपने हाथ पर खंडे (सिख धर्म का प्रतीक चिह्न) का टैटू बनवा रखा था। उसके ख़िलाफ़ 11 अगस्त 2019 को U/S 21, 29-61-85 NDPS एक्ट के तहत पुलिस स्टेशन STF मोहाली फेज 4 में FIR नंबर 75 दर्ज़ हुई थी।
माछीवाड़ा और समराला थाने में भी रहा
खन्ना के ललहेड़ी एरिया के गुरु तेग बहादुर में रहने वाला गगनदीप सिंह वर्ष 2011 में पंजाब पुलिस में कांस्टेबल भर्ती हुआ। नौकरी के दौरान वह माछीवाड़ा और समराला थाने में तैनात रहा और वहीं से खन्ना सदर थाने में ट्रांसफर हुआ। सदर थाने में गगनदीप सिंह के साथ नौकरी करने वाले पुलिस मुलाज़िमों के अनुसार, खन्ना सदर थाने का मुख्य मुंशी रहते हुए गगनदीप किसी से बहुत अधिक घुलता-मिलता नहीं था। उसकी एक बेटी है। STF ने उसे जिस गाड़ी से हेरोइन के साथ पकड़ा था, वह गाड़ी उसने खन्ना सदर थाने में मुंशी बनने के बाद ही खरीदी थी।
CM के घर मीटिंग, DGP कल करेंगे PC
मामले को लेकर चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के घर अभी हाई लेवल मीटिंग चल रही है। शनिवार को चंडीगढ़ में पंजाब के DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी है। कहा जा रहा है कि लुधियाना ब्लास्ट को लेकर ही इसमें कोई खुलासा कर सकते हैं।
तीन डॉक्टरों के पैनल ने किया पोस्टमॉर्टम
इससे पहले मृतक शख़्स का शुक्रवार को सिविल अस्पताल में पोस्टमॉर्टम हुआ। तीन डॉक्टरों के पैनल ने NIA अधिकारियों और ज़िला एवं सेशन जज की मौजूदगी में पोस्टमार्टम किया। पैनल में डॉ चरण कमल सिंह फोरेंसिक एक्सपर्ट, इमरजेंसी मेडिकल अफ़सर डॉ. विशाल शामिल थे।
महिला के शरीर में नहीं मिले छर्रे
इससे पहले शुक्रवार दोपहर में पोस्टमॉर्टम के दौरान पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने शव से विसरा जांच के लिए सैंपल लिया। इसे जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा। मृतक के शरीर में लगे छर्रों को भी एजेंसियों ने सेंपल के तौर पर अपने पास रख लिया। घायल महिला के शरीर से कोई विस्फोटक या छर्रा नहीं मिला।
मिट्टी-मलबे के सैंपल और फिंगर प्रिंट लिए
इससे पहले नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA), नेशनल सिक्योरिटी ग्रुप (NSG) और स्टेट फोरेंसिक टीमों ने शुक्रवार को दिनभर कोर्ट कॉम्प्लेक्स में घटनास्थल के एरिया में पड़े मलबे और मिट्टी के सैंपल लिए। टीमों ने वहाँ पड़े सभी टेबल के अलावा गाड़ियों के हैंडल से भी फिंगर प्रिंट उठाए। टीमों ने ब्लास्ट वाली जगह से चारों दिशाओं में माप लिया। इसके ज़रिए यह देखा गया कि धमाके के दौरान कौन सा सामान कितनी दूर जाकर गिरा। एक वकील के अनुसार दीवार पर लगा फ़ैन घटनास्थल से काफ़ी दूरी पर पड़ा मिला।