कोलकाता (Kolkata) 20 जनवरी (The News Air): डॉक्टर के रेप और मर्डर मामले में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College) में हुए इस जघन्य अपराध पर सत्र न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया। जज अनिर्बान दास ने संजय रॉय को फांसी की जगह उम्रकैद की सजा सुनाई। उन्होंने कहा, “यह मामला रेयरेस्ट ऑफ द रेयर की श्रेणी में नहीं आता। इसलिए आरोपी को मरते दम तक जेल में रखने का फैसला उचित है।”
CBI की फांसी की मांग पर कोर्ट का जवाब : मामले की जांच कर रही CBI (Central Bureau of Investigation) ने इस घटना को दुर्लभतम की श्रेणी में बताते हुए फांसी की सजा की मांग की थी।
- CBI के वकील ने दलील दी कि पीड़िता एक ट्रेनी डॉक्टर थी और उसकी हत्या बेहद जघन्य तरीके से की गई।
- हालांकि, जज ने फांसी की मांग को खारिज करते हुए कहा कि उम्रकैद की सजा इस अपराध के लिए पर्याप्त है।
- बचाव पक्ष के वकील ने अदालत को यह भी बताया कि ऐसे कई मामलों में फांसी नहीं दी गई।
क्या था मामला?
- पीड़िता, जो कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर थी, द्वितीय वर्ष की छात्रा के रूप में रेजिडेंट डॉक्टर का प्रशिक्षण ले रही थी।
- 9 अगस्त को रात्रि ड्यूटी के दौरान, स्वयंसेवी के रूप में कार्यरत संजय रॉय ने उसे अकेला पाकर दुष्कर्म किया और जघन्य तरीके से उसकी हत्या कर दी।
- इस घटना के बाद, कोलकाता (Kolkata) समेत पूरे देश में भारी विरोध प्रदर्शन हुए।
- सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मामले की जांच कोलकाता पुलिस से लेकर CBI को सौंप दी थी।
परिवार को मुआवजे का आदेश : अदालत ने राज्य सरकार को पीड़िता के परिवार को 17 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया।
क्या बोले जज अनिर्बान दास? : जज ने अपने फैसले में कहा, “यह मामला भले ही गंभीर हो, लेकिन यह दुर्लभतम अपराध की श्रेणी में नहीं आता। आरोपी को उम्रकैद के तहत मरते दम तक जेल में रखा जाएगा।”
CBI और जनता की प्रतिक्रिया :
- CBI की फांसी की मांग खारिज होने के बाद, एजेंसी ने कहा कि वे इस फैसले का अध्ययन कर आगे की कार्रवाई पर विचार करेंगे।
- घटना के बाद जनता में रोष और सवाल उठ रहे हैं कि जघन्य अपराध के बाद भी फांसी क्यों नहीं दी गई।
इस फैसले ने जनता के बीच कई सवाल खड़े किए हैं। न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हुए, यह जरूरी है कि भविष्य में ऐसे अपराधों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। वहीं, पीड़िता के परिवार और जनता को न्याय दिलाने की दिशा में प्रशासन को तेजी से कार्रवाई करनी होगी।