चंडीगढ़, 16 जनवरी (The News Air) पंजाब (Punjab) में भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार जारी अभियान के तहत, राज्य विजीलेंस ब्यूरो ने एक और बड़ी सफलता प्राप्त की। इस बार, सिविल अस्पताल जालंधर (Civil Hospital Jalandhar) में तैनात निजी सुरक्षा गार्ड नरेंद्र कुमार (Narinder Kumar) को गिरफ्तार किया गया है, जिसे एक पीसीएमएस डॉक्टर के नाम पर 10,000 रुपये रिश्वत मांगने के आरोप में रंगे हाथ पकड़ लिया गया।
विजीलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता (Spokesperson) ने बताया कि इस मामले की शुरुआत जिला फिरोजपुर (Firozpur) के मलांवाला खास निवासी लोकेश (Lokesh) द्वारा मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन (Anti-Corruption Helpline) पर की गई शिकायत से हुई। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने अपनी रिश्तेदार के लिए विकलांगता प्रमाण पत्र (Disability Certificate) प्राप्त करने के लिए सिविल सर्जन जालंधर (Civil Surgeon Jalandhar) के कार्यालय में एक ऑर्थोपेडिक्स विशेषज्ञ से संपर्क किया था। हालांकि, वह विकलांगता प्रतिशत (Disability Percentage) प्राप्त नहीं कर पाया, जिससे वह ई-ट्राइसाइकिल (E-Tricycle) खरीदने के लिए योग्य नहीं हो सका।
इसके बाद, आरोपी गार्ड ने विकलांगता प्रमाण पत्र में प्रतिशत बढ़ाने के बदले 10,000 रुपये की रिश्वत (Bribe) की मांग की। शिकायतकर्ता ने आरोपी के साथ हुई बातचीत को अपने फोन में रिकॉर्ड कर लिया और विजीलेंस ब्यूरो को सबूत के रूप में सौंप दिया।
प्रवक्ता ने बताया कि जांच में शिकायतकर्ता की ओर से दी गई जानकारी सही साबित हुई, क्योंकि बातचीत की रिकॉर्डिंग ने आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत प्रदान किए। इसके बाद, आरोपी नरेंद्र कुमार के खिलाफ विजीलेंस ब्यूरो के थाना जालंधर रेंज (Jalandhar Range Police Station) में भ्रष्टाचार निरोधक कानून (Prevention of Corruption Act) के तहत मामला दर्ज किया गया।
विजीलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि आरोपी को जल्द ही सक्षम अदालत (Competent Court) में पेश किया जाएगा और मामले की आगे की जांच जारी है।