The News Air-(नई दिल्ली) चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर हादसे की वजह ख़राब मौसम को माना जा रहा है। अभी तक सामने आए संकेत और दिल्ली में उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक़, घने जंगल, पहाड़ी इलाक़ा और लो विजिबिलिटी की वजह से ही हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ।
वेलिंगटन का हेलीपैड जंगल और पहाड़ी इलाक़े के तुरंत बाद पड़ता है इसलिए पायलट के लिए इसे दूर से देख पाना मुश्किल होता है। ऐसे में ख़राब मौसम में हेलिकॉप्टर की लैंडिंग यहां हमेशा ही चुनौतीपूर्ण रहती है।
किसी तरह की ग़लती की आशंका न के बराबर
शुरुआती संकेतों के मुताबिक़, ख़राब मौसम के दौरान बादलों में विजिबिलिटी कम होने की वजह से हेलिकॉप्टर को कम ऊंचाई पर उड़ान भरनी पड़ी। लैंडिंग पॉइंट से दूरी कम होने की वजह से भी हेलिकॉप्टर काफ़ी नीचे था। नीचे घने जंगल थे, इसलिए क्रैश लैंडिंग भी फेल हो गई।
इस हेलिकॉप्टर के पायलट ग्रुप कैप्टन और सीओ रैंक के अधिकारी थे। ऐसे में मानवीय भूल की आशंका न के बराबर है। हेलिकॉप्टर ट्विन इंजिन वाला था। ऐसे में अगर एक इंजिन फेल हो जाता तो भी बाकी बचे दूसरे इंजिन से लैंडिंग की जा सकती थी।
एक्सपर्ट बोले- वेलिंगटन का हेलीपैड लैंडिंग के लिए मुश्किल स्पॉट
एक्सपर्ट ने बताया कि वेलिंगटन का हेलीपैड लैंडिंग के लिए आसान नहीं है। केवल चंद मील का पहाड़ है। इसकी वजह से हेलीपैड दूर से दिखाई नहीं देता। काफ़ी नज़दीक आने पर ही हेलीपैड नज़र आता है। इसके बाद पायलट लैंडिंग का आखिरी फ़ैसला करता है। रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश मामले में ऐसा हो सकता है कि पायलट ख़राब मौसम में पायलट को जब हेलिकॉप्टर क़रीब लगा होगा, तो वह लैंडिंग की कोशिश कर रहा होगा। इसके बाद घने बादलों में ये फंस गया होगा और विजिबिलिटी कम होने के चलते यह हादसा हो गया।