नई दिल्ली, 27 दिसंबर (The News Air): गुरुवार को यमन के सना एयरपोर्ट पर इजरायल की एयरस्ट्राइक ने भारी तबाही मचाई। इस हमले में एयरपोर्ट और बंदरगाह को निशाना बनाया गया। इस दौरान वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के डायरेक्टर-जनरल टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस भी एयरपोर्ट पर मौजूद थे। WHO चीफ बाल-बाल बच गए, लेकिन क्रू मेंबर्स घायल हो गए।
Our mission to negotiate the release of @UN staff detainees and to assess the health and humanitarian situation in #Yemen concluded today. We continue to call for the detainees' immediate release.
As we were about to board our flight from Sana’a, about two hours ago, the airport… pic.twitter.com/riZayWHkvf
— Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) December 26, 2024
हमले की मुख्य बातें:
- हूती विद्रोहियों पर कार्रवाई: इजरायल ने यह हमला हूती विद्रोहियों के ठिकानों को निशाना बनाकर किया था।
- WHO चीफ का मिशन: टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों की रिहाई के लिए बातचीत करने और यमन की मानवीय स्थिति का आकलन करने के लिए वहां गए थे।
- जानमाल का नुकसान: हमले में एयरपोर्ट के कई हिस्से जैसे रनवे, हवाई यातायात नियंत्रण टावर और प्रस्थान लाउंज क्षतिग्रस्त हो गए। दो लोगों की मौत और कई अन्य घायल हुए।
टेड्रोस का बयान: WHO चीफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “हम सना से उड़ान भरने वाले थे, तभी एयरपोर्ट पर बमबारी हुई। हमारे विमान के चालक दल के एक सदस्य को चोट लगी। हवाई अड्डे पर दो लोगों की मौत हो गई और कई जगहों पर भारी नुकसान हुआ। मैं और मेरे सहकर्मी सुरक्षित हैं। हम मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।”
हमले का उद्देश्य और पृष्ठभूमि : इजरायल ने यह एयरस्ट्राइक हूती विद्रोहियों के ठिकानों को निशाना बनाकर की थी। हूती विद्रोहियों ने पिछले कई महीनों से संयुक्त राष्ट्र (UN) के कई कर्मचारियों को बंधक बना रखा है। डब्ल्यूएचओ चीफ, इन बंधकों की रिहाई के लिए बातचीत करने के मकसद से यमन पहुंचे थे।
हमले के दौरान की स्थिति : सूत्रों के अनुसार, हमले के समय WHO चीफ एयरपोर्ट के एक सुरक्षित हिस्से में मौजूद थे, लेकिन धमाकों की गूंज और इमारतों के गिरने से स्थिति बेहद खतरनाक हो गई थी। घायलों को तुरंत चिकित्सा सहायता के लिए भेजा गया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और स्थिति: इस घटना ने यमन में पहले से ही चल रहे संघर्ष और मानवीय संकट को और बढ़ा दिया है। अंतरराष्ट्रीय संगठनों और कई देशों ने इस हमले की निंदा की है और संघर्ष समाधान के लिए शांति वार्ता पर जोर दिया है।