नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (The News Air): भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकारों को पराली के समाधान के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार से सीखना चाहिए। आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदमों के कारण वहां पराली जलाने के मामले काफी कम हो गए हैं। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दिलीप पांडे ने कहा कि पंजाब सरकार ने पराली की समस्या से निपटने के लिए कई सारे प्रमुख कदम उठाए। जिसका नतीजा यह हुआ कि 2022 में जहां पंजाब में पराली जलाने के 8 हजार मामले रिकॉर्ड किए गए थे। वहीं, 2024 में सिर्फ 1866 मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। इस मामले पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दिलीप पांडे ने सोमवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि पंजाब की सरकार ने काबिल ए तारीफ काम किया है और भाजपा शासित राज्यों को पंजाब सरकार के इन प्रयासों से सिखना चाहिए। साथ ही, उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकारें आरोप-प्रत्यारोप करने में लगी रहीं। देश के लोग देख रहे हैं कि पराली जलाने के मामलों को कम करने में भाजपा की सरकारों का योगदान शून्य है
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दिलीप पांडे ने सोमवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद वहां की सरकार ने पराली की आपदा से निपटने के लिए कई सारे प्रमुख कदम उठाए। एक अलग क्रॉप रेसिड्यू मैनेजमेंट सिस्टम को स्थापित किया। यह सिस्टम काम करता रहे इसके लिए पांच सौ करोड़ रुपए से भी ज्यादा का बजट बनाया। थ्री टायर मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित किया। पराली की समस्या संज्ञान लेने के लिए इन इन सीटू और एक्स सीटू दोनों तरह के मैनेजमेंट के तरीके अपनाए। जिसका नतीजा यह रहा कि आज पिछले कई सालों के निरंतर प्रयास के बाद बहुत बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिल रहा है। पराली, जो एक बड़ी आपदा-विपदा थी, उसको काफी हद तक पंजाब की सरकार ने एड्रेस करने में सफलता पा ली है। जबकि उत्तर प्रदेश और हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी की सरकारें आरोप-प्रत्यारोप करने में लगी रहीं।
दिलीप पांडे ने कहा कि मैं आंकड़े बताता हूं कि पराली के मामले में किस तरह से पंजाब की सरकार ने जमीन से आसमान तक का सफर तय किया है। 2022 के अक्टूबर के इसी सप्ताह के आंकड़े के अनुसार, पंजाब में पराली जलाने के 8 हजार मामले रिकॉर्ड किए गए थे। और 2024 के इस सप्ताह के डेटा के अनुसार, पंजाब में पराली जलाने के 1866 मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। यह आंकड़े केंद्र सरकार के इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईएआरआई) के हैं। भगवंत मान की सरकार के प्रयास ऐसे हुए कि उसका असर हमें जमीन पर देखने को मिल रहा है और पराली जलाने का आंकड़ा 1866 पर सिमट कर रह गया है। पंजाब की सरकार ने जो काम किया है, वो काबिल ए तारीफ है और भाजपा शासित राज्यों को पंजाब सरकार के इन प्रयासों से सिखना चाहिए।
दिलीप पांडे ने कहा कि दिल्ली और देश के लोग देख रहे हैं कि जहां भाजपा की सरकारों का योगदान शून्य है या लगभग शून्य है, वहां इस विकराल समस्या को समझते हुए आम आदमी पार्टी की पंजाब की सरकार ने एक उदाहरण स्थापित किया है। क्योंकि इस समस्या को लेकर लगभग मान लिया गया था कि इसका समाधान नहीं किया जा सकता है।