The News Air – दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता सलमान ख़ुर्शीद की क़िताब पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि अगर क़िताब से भावनाएं आहत होती हैं तो लोग इससे बेहतर क़िताब पढ़ सकते हैं। याचिका में कोर्ट से क़िताब के प्रकाशन, बिक्री, ख़रीद और वितरण पर बैन लगाने की मांग की गई थी।
ख़ुर्शीद की क़िताब ‘सनराइज ओवर अयोध्या’ को लेकर बहुत दिनों से विवाद चल रहा है। इस क़िताब में ख़ुर्शीद ने हिंदुत्व की तुलना ISIS से की थी।
कोर्ट ने कहा- आप लोगों से क़िताब न ख़रीदने को कहें
पेटिशनर ने कोर्ट से कहा कि फ्रीडम ऑफ़ स्पीच और एक्सप्रेशन के नाम पर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। यह क़िताब ऑर्टिकल 19 और 21 के तहत दिए गए मूल अधिकारों का उल्लंघन करती है। कोर्ट ने पेटिशनर से कहा कि, आप लोगों से इस क़िताब को ख़रीदने से क्यों नहीं मना करते? आप उन्हें बताइए कि यह क़िताब सही नहीं है, इसे न पढ़ें।
दंगे होने की बात महज़ एक आशंका
पेटिशनर ने कोर्ट से कहा कि क़िताब की वजह से देश में सांप्रदायिक दंगे भड़क सकते हैं। इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या क़िताब में लिखी गई बात की वजह से देश में कोई सांप्रदायिक घटना हुई है। दंगे होने की बात करना महज़ एक आशंका है।
कोर्ट ने कहा कि मामला क़िताब के एक अंश का है न कि पूरी क़िताब का। अगर आप पब्लिशर का लाइसेंस कैंसिल करवाना चाहते हैं, तो यह अलग मामला है। हमारे सामने पूरी क़िताब के बजाय उसका केवल एक अंश पेश किया गया है।
क़िताब पर दी थी सफ़ाई
सलमान ख़ुर्शीद ने अपनी क़िताब ‘सनराइज ओवर अयोध्या: नेशनहुड इन ऑवर टाइम्स’ पर मचे विवाद पर सफ़ाई दी थी। उत्तर प्रदेश के संभल में उन्होंने कहा था कि मैंने हिंदुत्व की तुलना ISIS से नहीं की है।
उन्होंने कहा कि मैंने दोनों को ‘Similar’ बताया है, न कि ‘Same’ कहा है। मैंने यह नहीं लिखा कि हिंदू धर्म बिल्कुल ISIS और बोको हरम की तरह है। न ही मैंने यह लिखा कि हिंदुत्व को मानने वाले भी अरबी बोलते हैं। सलमान ख़ुर्शीद ने कहा था कि मुझे अफ़सोस है कि मैंने इस क़िताब को अंग्रेज़ी में लिखा है। लोग (भाजपा वाले) अंग्रेज़ी में थोड़ा कमज़ोर लगते हैं। लेकिन मैं कहता हूं कि अगर समझ में नहीं आ रहा, तो अनुवाद करा लें।