महाराष्ट्र, 05 सितंबर,(The News Air): महाराष्ट्र में केंद्र और राज्य सरकार के प्रोजेक्ट्स का फोकस अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ावा देने पर है। हाल ही में पीएम मोदी ने पालघर जिले के गरधन में विशाल वाढवन पोर्ट का भूमि पूजन किया। ये प्रोजेक्ट ग्रेटर मुंबई, महाराष्ट्र और पूरे देश के आर्थिक विकास के लिए एक नए रास्ते का निर्माण करेगा, जिससे भारत के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
भारत का समुद्र के रास्ते व्यापार का एक लंबा इतिहास रहा है, और इसे सबसे सस्ता परिवहन साधन माना जाता है। वास्को-डी-गामा ने भारत के तट पर पहुंचकर समुद्री व्यापार का एक नया अध्याय शुरू किया था। भारतीय मसाले, कपड़ा, और रेशम जैसी कई वस्तुएं समुद्र के रास्ते दुनियाभर में भेजी जाती थीं। ब्रिटिश काल में भी व्यापार समुद्र के जरिए होता था।
वाढवन पोर्ट की हालिया शिलान्यास के बाद, महाराष्ट्र के लिए 30 अगस्त 2024 का दिन खास हो गया है। इस बंदरगाह के बनने से न सिर्फ महाराष्ट्र, बल्कि पूरे देश का आर्थिक विकास होगा और भारत को समुद्री व्यापार में एक नई पहचान मिलेगी।
भारत के लिए ये गर्व की बात है कि उसके पास एक विशाल समुद्री तट है। मुंबई बंदरगाह ने महाराष्ट्र और मुंबई को खूब आर्थिक तरक्की दी है। जेएनपीटी बंदरगाह, जिसे देश का सबसे बड़ा बंदरगाह माना जाता है, पर विदेशी व्यापार का बढ़ता दबाव साफ देखा जा रहा है।
लेकिन अब वाढवन पोर्ट की क्षमता जेएनपीटी से तीन गुना अधिक होगी। ये भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह बनने जा रहा है। इसके बनने के बाद देश की बंदरगाहों की कंटेनर क्षमता दोगुनी होकर 298 मिलियन मीट्रिक टन हो जाएगी।
महाराष्ट्र में राजमार्गों के विस्तार से भी आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी। देवेन्द्र फडणवीस, अजित पवार और एकनाथ शिंदे की तिकड़ी