इटली,15 जून (The News Air) जी7 आउटरीच शिखर सम्मेलन के दौरान अपुलिया में मेलोनी ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ सेल्फी ली, जिसमें दोनों नेता मुस्कुराते हुए नज़र आ रहै हैं । पिछले साल दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन और फिर दुबई में सीओपी 28 में मिले दोनों नेताओं के बीच की दोस्ती ने कई ऑनलाइन मीम्स को जन्म दिया है। तब से लगातार विश्व स्तर पर मोदी और मेलोनी की मित्रता को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि यह सच है कि भारत के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की प्रमुख सोनिया गांधी इटली की मूल निवासी हैं और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से विवाह होने के बाद से ही इटली के साथ भारत के संबंध मधुर रहे हैं, लेकिन मोदी युग में आर्थिक क्षेत्र में इन संबंधों ने एक नई उड़ान भर ली है।
दरअसल, पिछले साल दिसंबर में दोनों नेताओं ने दुबई में 28वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (COP28) के दौरान एक सेल्फी क्लिक की थी। एक्स पर पीएम मोदी के साथ तस्वीर शेयर करते हुए मेलोनी ने लिखा था, “COP28 में अच्छे दोस्त, #मेलोडी।” दोनों नेताओं की एक साथ तस्वीरें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर खूब शेयर की गई हैं और हैशटैग “मेलोडी” ट्रेंडिंग टॉपिक बन गया है। इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान अपने इतालवी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक की और दोनों देशों के बीच रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की।
इतालवी अभियान में भारतीय सेना के योगदान को मान्यता
फिलहाल तो विदेश मंत्रालय की ओर से बताया जा रहा है कि “दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की तथा रक्षा औद्योगिक सहयोग को और बढ़ाने की आशा व्यक्त की। उन्होंने इस वर्ष के अंत में इतालवी विमानवाहक पोत आईटीएस कैवूर और प्रशिक्षण पोत आईटीएस वेस्पुची की भारत यात्रा का स्वागत किया।” इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इतालवी अभियान में भारतीय सेना के योगदान को मान्यता देने के लिए इतालवी सरकार को धन्यवाद दिया और बताया कि “भारत इटली के मोंटोन में यशवंत घाडगे स्मारक का उन्नयन करेगा।
भारत-इटली सामरिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा
प्रधानमंत्री मोदी और उनके इतालवी समकक्ष ने नियमित उच्च राजनीतिक वार्ता पर संतोष व्यक्त किया तथा भारत-इटली सामरिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की। विदेश मंत्रालय का कहना है कि “बढ़ते व्यापार और आर्थिक सहयोग पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा, विनिर्माण, अंतरिक्ष, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, एआई और महत्वपूर्ण खनिजों में वाणिज्यिक संबंधों का विस्तार करने का आह्वान किया, ताकि लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण किया जा सके। इस संदर्भ में, उन्होंने हाल ही में औद्योगिक संपदा अधिकार (आईपीआर) पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया, जो पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क पर सहयोग के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है।”
बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने ऊर्जा संक्रमण में सहयोग के लिए आशय पत्र पर हस्ताक्षर का स्वागत किया, जो स्वच्छ और हरित ऊर्जा में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देगा। ‘ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस’ के तहत इस पर ध्यान दिया गया। मेलोनी ने प्रधानमंत्री मोदी को लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए बधाई भी दी। विदेश मंत्रालय ने कहा, “उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में संयुक्त अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए 2025-27 के लिए सहयोग के नए कार्यकारी कार्यक्रम पर खुशी व्यक्त की।”
भारत-इटली संबंधों को और मजबूत करने के पर चर्चा की
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने इटली के प्रधानमंत्री मेलोनी के निमंत्रण पर इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने बाद में एक्स पर लिखा, “भारत को जी-7 शिखर सम्मेलन का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करने और शानदार व्यवस्था के लिए उनका धन्यवाद।” उन्होंने कहा, “हमने वाणिज्य, ऊर्जा, रक्षा, दूरसंचार आदि क्षेत्रों में भारत-इटली संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। हमारे देश जैव ईंधन, खाद्य प्रसंस्करण और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे भविष्य के क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे।”
जापान और फ्रांस के साथ-साथ यूरोपीय संघ भाग लिया
जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत को ‘आउटरीच देश’ के रूप में आमंत्रित किया गया था, जिसमें सात सदस्य देशों – अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस के साथ-साथ यूरोपीय संघ ने भी भाग लिया था। मेलोनी ने प्रधानमंत्री मोदी को इटली के अपुलिया क्षेत्र में आयोजित होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। यह भारत की 11वीं और प्रधानमंत्री मोदी की लगातार पांचवीं जी-7 शिखर सम्मेलन में भागीदारी थी।








