India Heatwave Deaths के गंभीर होते हालात पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस पर्यावरण कार्यकर्ता विक्रांत तोंगड़ (Vikrant Tongad) द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) के जवाब में भेजा गया, जिसमें बताया गया है कि पिछले साल देश में हीटवेव (Heatwave) और गर्मी जनित बीमारियों से 700 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। याचिका में केंद्र और राज्य सरकारों से मांग की गई है कि हीटवेव प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू किया जाए।
प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई (B.R. Gavai) और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह (Augustine George Masih) की पीठ ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs), पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (Ministry of Environment, Forest and Climate Change), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority) समेत अन्य संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब देने का आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील आकाश वशिष्ठ (Aakash Vashishth) ने कहा कि देश में बार-बार चेतावनी के बावजूद भीषण गर्मी से मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि पहले जहां हीटवेव उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत तक सीमित थी, अब वह पूर्वी तट, पूर्व, उत्तर-पूर्व, प्रायद्वीपीय, दक्षिणी और दक्षिण-मध्य भारत तक फैल चुकी है, जिसकी पुष्टि भारतीय मौसम विभाग (IMD) की रिपोर्ट में भी की गई है।
याचिका में यह भी बताया गया है कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने वर्ष 2019 में गर्मी से निपटने के लिए एक कार्य योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय दिशानिर्देश जारी किए थे, लेकिन आज भी कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस योजना को लागू नहीं कर पाए हैं। यह आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 (Disaster Management Act, 2005) की धारा 35 के तहत केंद्र की जिम्मेदारी को भी दर्शाता है, जिसमें आपदा से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाना जरूरी है।
इसके अलावा याचिका में यह मांग की गई है कि गर्मी से प्रभावित लोगों को मुआवजा दिया जाए और अत्यधिक गर्मी के समय कमजोर वर्गों को न्यूनतम मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा और वित्तीय सहायता प्रदान की जाए। याचिकाकर्ता का मानना है कि तापमान में वृद्धि जलवायु परिवर्तन (Climate Change) की गंभीर चेतावनी है, और इसके लिए समय रहते ठोस कदम उठाना सरकार की जिम्मेदारी है।






