मोगा (The News Air) जम्मू कश्मीर के पुंछ में शहीद हुए पंजाब के चारों जवानों का शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। लुधियाना, मोगा, बठिंडा और गुरदासपुर में जवानों को अंतिम विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ा। चारों जगहों पर माहौल गमगीन रहा।
गुरदासपुर के शहीदी जवान हरकृष्ण सिंह को उनकी डेढ़ साल की बेटी ने मुखाग्नि दी। गर्भवती पत्नी दलजीत कौर ने घुटनों के बल शीश नवाकर पति को अंतिम विदाई दी। वहीं मोगा के शहीद लांस नायक कुलवंत सिंह को उनके 3 महीने के बेटे ने मुखाग्नि दी। कुलवंत सिंह के पिता भी 24 साल पहले कारगिल जंग में शहीद हुए थे।
पुंछ में शहीद गुरदासपुर के जवान का संस्कार
गुरदासुपर के जवान हरकृष्ण सिंह का आज अंतिम संस्कार कर दिया गया। बटाला एरिया के गांव तलवंडी भरथ निवासी हरकृष्ण सिंह को उनकी डेढ़ साल की बेटी ने मुखाग्नि दी। वहीं गर्भवती पत्नी दलजीत कौर ने घुटनों के बल शीश नवाकर पति को अंतिम विदाई दी।
पिता कारगिल में शहीद, बेटे ने पूछ में दिया बलिदान
शहीद लांस नायक कुलवंत सिंह का शनिवार सुबह अंतिम संस्कार किया गया। मोगा जिले में स्थित गांव चड़िक में शहीद को राजकीय सम्मान के साथ आखिरी विदाई दी गई। शहीद कुलवंत सिंह को उनके 3 महीने के बेटे ने मुखाग्नि दी।
कुलवंत के पिता बलदेव सिंह कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए थे। उस समय कुलवंत एक साल के थे। कुलवंत को 2010 में उनकी जगह पर नौकरी मिली। उनकी शहादत के 24 साल बाद कुलवंत शहीद हुए।
शहीद मनदीप सिंह का बेटा बोला- मैं भी फौजी बनूंगा
लुधियाना के शहीद मनदीप सिंह का शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके पैतृक गांव चन्नकोइया में उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए जनसैलाब उमड़ा। उन्हें बेटी ने अंतिम सेल्यूट किया। वहीं बेटे 8 वर्षीय करनदीप सिंह ने कहा कि वह अपने पिता मनदीप सिंह की तरह ही फौज में भर्ती होना चाहता है। वह भी देश की सेवा करेगा।
शहीद सेवक सिंह को अंतिम विदाई, मां-बाप के इकलौते बेटे थे
शहीद सिपाही सेवक सिंह शनिवार सुबह पंचतत्व में विलीन हो गए। उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ा। शहीद सेवक सिंह का बठिंडा जिले के तलवंडी साबो में उनके पैतृक गांव बाघा में अंतिम संस्कार किया गया।